पेश इमाम ने कहा, कोरोना से निजात के लिए दुआ करें रोजेदार Gorakhpur News
जामा मस्जिद गोरखपुर के पेश इमाम अब्दुल जलील मजाहिरी ने वीडियो जारी कर लोगों से फिजिकल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने तथा कोरोना से निजात के लिए दुआ करने की अपील की है।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के बीच रमजान का दूसरा रोजा बीता। इस दौरान अधिकांश बाजार और मस्जिदें सूनी थीं। इस तरह के हालात पहली बार बने हैं। करीब 15 घंटे का रोजा रखने के बाद शाम को इफ्तार हुआ और सभी ने घरों में नमाज अदा की। रमजान के महीने में शाम को जहां रौनक नजर आती थी वहीं इस बार सन्नाटा पसरा हुआ था। हालात को देखते हुए जामा मस्जिद उर्दू बाजार के पेश इमाम अब्दुल जलील मजाहिरी ने वीडियो जारी कर लोगों से फिजिकल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने तथा कोरोना से निजात के लिए दुआ करने की अपील की है।
रोजे का मतलब खुद पर पाबंदी
हाफिज सादिक रजा ने बताया कि रोजे का मतलब सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नहीं बल्कि बुराई से, बुरी बातें और बुरे कामों से बचने का नाम है। यह खुद पर पाबंदी लगाने की सीख देता है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान सभी नियमों का पालन करें, उन्हें तोड़े नहीं। तरावीह अपने घरों में अदा करें। इबादत के साथ अल्लाह से कोरोना जैसी महामारी से हम सभी को बचाने की दुआ करें।
बाजार से रौनक गायब
जाफरा बाजार निवासी सैयद इरशाद अहमद ने बताया कि रमजान के दौरान त्योहारों जैसा माहौल होता है, लेकिन इस बार रौनक गायब है। लॉकडाउन की वजह से लोग घर से नहीं निकल रहे हैं। किराना व्यवसायी नीरज जायसवाल ने बताया कि रमजान के महीने में दुकान पर सुबह-शाम दोनों वक्त अमूमन भीड़ रहती थी, लेकिन इस बार सन्नाटा पसरा है।
अकीदत की मिसाल बन रहे नन्हे रोजेदार
मुकद्दस रमजान में रोजा रखने में छोटे ब'चे भी पीछे नहीं हैं। पिपरौली कस्बे के नौ वर्षीय सरफराज व दस वर्षीय मोहसिन रोजा रखकर दूसरों के लिए लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। कक्षा चार के मोहसिन और कक्षा तीन के छात्र सरफराज घर के बड़ों को देखकर रोजा रखने की जिद करने लगे। एक दिन टालने के बाद रविवार को घरवालों ने रोजा रखने की इजाजत दे दी। उमस भरी गर्मी के बावजूद दोनों ब'चों ने न सिर्फ रोजा पूरा किया बल्कि नमाज और कुरान भी पढ़ा।