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मालिकों के घर पहुंचेंगे वाहनों के परमिट, शीघ्र शुरू होगी नई व्‍यवस्‍था

ड्राइव‍िंग लाइसेंस के स्मार्ट कार्ड की तरह वाहनों के परमिट भी डाक के माध्यम से मालिकों के घर पहुंच जाएंगे। वाहन स्वामियों को आवेदन के लिए भी भटकना नहीं पड़ेगा। वाहन-4.0 साफ्टवेयर पर घर बैठे आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। 15 नवंबर से यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 02:28 PM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 02:28 PM (IST)
मालिकों के घर पहुंचेंगे वाहनों के परमिट, शीघ्र शुरू होगी नई व्‍यवस्‍था
वाहनों के परमिट बनवाने की व्‍यवस्‍था बदलने जा रही है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। वाहनों के परमिट के लिए अब मालिकों को परिवहन विभाग का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। ड्राइव‍िंग लाइसेंस के स्मार्ट कार्ड की तरह वाहनों के परमिट भी डाक के माध्यम से मालिकों के घर पहुंच जाएंगे। वाहन स्वामियों को आवेदन के लिए भी भटकना नहीं पड़ेगा। वाहन-4.0 साफ्टवेयर पर घर बैठे आनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

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15 नवंबर से लागू हो जाएगी यह नई व्यवस्था, परिवहन विभाग में तैयारी शुरू

दरअसल, वाहन स्वामियों की सुविधा के लिए 15 नवंबर से यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। परिवहन विभाग ने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) श्याम लाल के अनुसार अब वाहन स्वामियों को परमिट के लिए विभाग पहुंचने की जरूरत नहीं पड़ेगी।उत्तर प्रदेश के लिए जारी होने वाले ठीका गाड़ी के परमिट और देशभर में पर्यटन के नाम पर जारी होने वाले पर्यटक परमिट से संबंधित समस्त कार्य आनलाइन ही होंगे। कार्यालय में भी आनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे। आवेदन के लिए वाहन-2.0 साफ्टवेयर को अधिकृत किया गया है। आवेदक आनलाइन आवेदन का ङ्क्षप्रट निकाल सकते हैं। परमिट जारी होने के बाद भी आवेदक को विभाग नहीं पहुंचना पड़ेगा। आवेदन में दर्ज पते पर डाक के माध्यम से परमिट भेज दिया जाएगा।

तीन दिन से लगातार एक करोड़ से अधिक कमा रहा रोडवेज

त्योहारों में यात्रियों की भीड़ बढऩे के साथ परिवहन निगम (रोडवेज) की कमाई भी बढ़ गई है। छठ पर्व में तो गोरखपुर परिक्षेत्र में आठ से दस नवंबर तक लगातार रिकार्ड एक करोड़ से अधिक की आमदनी हुई है। कमाई को लेकर अधिकारी उत्साहित हैं। यह कमाई तब हुई है जब सड़कों पर प्राइवेट (डग्गामार) बसों का कब्जा है। गोरखपुर से लखनऊ और दिल्ली ही नहीं बिहार के लिए भी प्राइवेट बसों का तांता लगा हुआ है। क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी के अनुसार लक्ष्य के सापेक्ष अधिक आमदनी हुई है। यात्रियों की सुविधा के लिए सभी रूटों पर रोडवेज की पर्याप्त बसें चलाई जा रही हैं।


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