गोरखपुर में 12 हजार लोगों को नहीं मिला डीएल, टेस्ट पास करने के बाद भी स्मार्ट कार्ड के लिए परेशान हैं अभ्यर्थी
अगस्त से ही अभ्यर्थियों को समय से लाइसेंस नहीं मिल रहा है। गोरखपुर के 12 हजार अभ्यर्थियों सहित प्रदेश के 1.30 लाख अभ्यर्थी लाइसेंस के लिए परेशान हैं। इसके बावजूद संबंधित जिम्मेदार मामले का संज्ञान नहीं ले रहे हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शहीद बंधू सिंह चालक प्रशिक्षण केंद्र चरगांवा में टेस्ट पास करने के बाद भी परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पा रहा है। अन्य जनपदों की स्थिति भी यही है। गोरखपुर के करीब 12 हजार और प्रदेश के लगभग एक लाख तीस हजार अभ्यर्थी पिछले लगभग छह माह से स्मार्ट कार्ड का इंतजार कर रहे हैं। लाइसेंस के बिना हजारों अभ्यर्थियों का कार्य रुका पड़ा है। अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ती जा रही। जिम्मेदार संज्ञान नहीं ले रहे हैं।
छह माह में भी नहीं आया लाइसेंस
डाक के माध्यम से नियमानुसार आठ से दस दिन में ड्राइविंग लाइसेंस दिए गए पते पर पहुंच जाना चाहिए, लेकिन अगस्त से अभ्यर्थियों को समय से लाइसेंस नहीं मिल रहा। इसमें महीनों लग जा रहे हैं। परेशान अभ्यर्थी चालक प्रशिक्षण केंद्र और परिवहन विभाग पहुंच रहे हैं, लेकिन निराशा ही हाथ लग रही है।
हाथ खड़े कर दे रहे हैं अधिकारी
संबंधित अधिकारी हाथ खड़े कर दे रहे हैं। उनका कहना है कि जिला मुख्यालय पर सिर्फ टेस्ट होता है। जिले की रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ मुख्यालय से स्मार्ट कार्ड के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं और अभ्यर्थी के पते पर भेजे जाते हैं। इस कार्य के लिए निजी एजेंसी नामित की गई है। गोरखपुर में प्रत्येक दिन लगभग 50 से 60 परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं। 30 से 40 लाइसेंस का नवीनीकरण होता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
गोरखपुर के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी संजय कुमार झा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। अभ्यर्थियों को समय से ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए लखनऊ मुख्यालय से भी संपर्क किया जा रहा है।
ये है हाल
- मृत्युंजय त्रिपाठी ने 22 दिसंबर को परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट में वह सफल हो गए थे। एक माह से ज्यादा हो गया, लेकिन अभी तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिला है।
- जितेंद्र नाथ ने नवंबर में ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट में पास होने के बाद वह करीब दो माह से लाइसेंस का इंतजार कर रहे हैं। परेशान हैं, कहीं लाइसेंस गायब न हो जाए।