गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अगस्त से न सिर्फ टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीई) की कार्य प्रणाली आसान हो जाएगी, बल्कि यात्रा के दौरान किराया और जुर्माना आदि के भुगतान को लेकर यात्रियों की मुश्किलें भी समाप्त हो जाएंगी। टीटीई प्वाइंट आफ सेल्स (पीओएस) मशीन लेकर चलने लगेंगे। एमटीएम कार्ड से ही सभी तरह के भुगतान हो जाएंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

मुख्यालय गोरखपुर सहित लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के 896 टीटीई को पीओएस दी जाएगी। पीओएस देने से पूर्व टीटीई को प्रशिक्षित किया जाएगा। स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) और रेलवे प्रशासन के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में गोरखपुर में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है, जो 29 जुलाई तक चलेगा। दरअसल, रेलवे प्रशासन ने सिस्टम को डिजिटल बनाने की तरफ एक और अहम कदम बढ़ाया है। प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (पीसीसीएम) एससी प्रसाद के नेतृत्व में पीओएस के लिए एसबीआइ से करार हुआ है। एसबीआइ की निगरानी में ही पीओएस संचालित होंगी। प्रत्येक टीटीई को एक पीओएस आवंटित होगी। पीओएस के माध्यम से जो भी भुगतान होगा, सीधे एसबीआइ के रेलवे खाता में पहुंच जाएगा। टीटीई को रास्ते में पैसा सहजेने और उसे काउंटर पर जमा करने से छुटकारा मिलेगा। फुटकर को लेकर आए दिन होने वाली किचकिच भी समाप्त होगी। शुरुआत में टीटीई पीओएस के साथ अतिरिक्त किराया टिकट (ईएफटी) लेकर भी चलेंगे। जिन यात्रियों के पास एटीएम कार्ड नहीं होगा उनका भुगतान ईएफटी से करेंगे। लेकिन आने वाले दिनों में ईएफटी की व्यवस्था भी समाप्त हो जाएगी।

हैंड हेल्ड टर्मिनल भी देने की चल रही तैयारी

टिकट चेकिंग स्टाफ को हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) देने की योजना भी चल रही है। ग्लोबल पोजिशङ्क्षनग सिस्टम (जीपीएस) पर आधारित टर्मिनल सीधे सेंटर फार रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) से जुड़ा रहेगा। एचएचटी में ट्रेन का चार्ट लोड रहेगा। टीटीई टिकटों की बुङ्क्षकग के साथ बर्थ आवंटन भी कर सकेंगे। जुर्माना काटने की भी आनलाइन व्यवस्था रहेगी। टीटीई बिना छूए टिकट की जांच कर लेंगे। एचएचटी के अलावा टिकट जांच के लिए अलग से मोबाइल एप भी तैयार किया जा रहा है। जो टिकट पर अंकित बार कोड के जरिए टिकट की जांच कर लेंगे। इससे टिकटों के फर्जीवाड़ा पर भी अंकुश लगेगा। पूर्वोत्तर रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि व्यवस्था को तेज, आसान एवं प्रभावी बनाने के लिए रेलवे निरंतर प्रयासरत है। टिकट चेङ्क्षकग स्टाफ को पीओएस मशीन देने की प्रक्रिया चल रही है। एसबीआइ की तरफ से 896 पीओएस मशीनें दी जाएंगी। नई व्यवस्था से पारदर्शिता तो बढ़ेगी ही यात्रियों को भी सहूलियत मिलेगी।

Edited By: Satish Chand Shukla