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North Eastern Railway: 13 हजार ट्रैकमैैनों की पदोन्नति का रास्ता साफ

नई व्यवस्था के तहत पूर्वोत्तर रेलवे के लगभग 13 हजार कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। लखनऊ मंडल प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब हर दो साल पर 50 फीसद कर्मचारियों को आगे बढऩे का अवसर मिलेगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 07:54 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:54 PM (IST)
ये भारतीय रेल का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। कैंट स्टेशन पर गैंग संख्या प्रथम में तैनात ट्रैकमैन हरीराम वर्ष 2015 में सेवानिवृत्त हो गए। 38 साल रेलवे की सेवा करने के बाद भी उनकी पदोन्नति नहीं हुई। वह जिस ग्रेड पे पर तैनात हुए थे उसी पर सेवानिवृत्त हो गए। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। रेलवे बोर्ड ने रेल लाइनों पर कार्य करने वाले ट्रैकमैनों (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों) की सुध ली है। विभागों में कार्य करने वाले लिपिकों की भांति उनकी भी विभागीय पदोन्नति होगी। ग्रेड पे बढ़ेगा। 

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हर दो साल पर 50 फीसद कर्मचारियों को मिलेगा आगे बढऩे का अवसर

 नई व्यवस्था के तहत पूर्वोत्तर रेलवे के लगभग 13 हजार कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। लखनऊ मंडल प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारों के अनुसार अब हर दो साल पर 50 फीसद कर्मचारियों को आगे बढऩे का अवसर मिलेगा। 100 कर्मचारियों में 50 फीसद ही 1800 ग्रेड पे पर ट्रैकमैन चतुर्थ रह जाएंगे। 20 फीसद 1900 ग्रेड पे पर ट्रैकमैन तृतीय, 20 फीसद 2400 ग्रेड पे पर ट्रैकमैन द्वतीय तथा दस फीसद 2800 ग्रेड पर ट्रैकमैन प्रथम के पद पर पदोन्नति पा जाएंगे।  कर्मचारियों के कार्य में विशेष अंतर तो नहीं आएगा, लेकिन उनका वेतन सम्मानजनक होता जाएगा। वातानुकूलित बोगियों में परिवार के साथ यात्रा की सुविधा मिल जाएगी। 2800 ग्रेड पे वाले कर्मचारी मेठ व कीमैन के पदों पर स्थापित होते रहेंगे।

पदोन्नति के लिए निर्धारित नहीं था कोई मानक

वर्ष 2014 से पहले ट्रैकमैनों की पदोन्नति के लिए कोई स्थाई मानक निर्धारित नहीं था। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) और नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे (एनएफआइआर) ने ट्रैकमैनों की समस्याओं को रेलवे बोर्ड के समक्ष रखा था। यूनियनों की मांग पर  बोर्ड ने 1 अप्रैल 2014 को पदोन्नति के लिए मानक निर्धारित कर दिया।  लेकिन कर्मचारियों को विशेष लाभ नहीं मिल रहा था। मान्यता प्राप्त यूनियनों की लड़ाई जारी रही। अंतत: आठ मार्च 2019 को बोर्ड ने नया संशोधित मानक निर्धारित कर दिया। इसके बाद भी रेलवे प्रशासन की उदासीनता के चलते कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था।

जीएम व डीआरएम के सामने नरमू ने उठाया मामला

एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) ने महाप्रबंधक (जीएम) और मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के साथ आयोजित स्थाई वार्ता तंत्र की बैठकों में ट्रैकमैनों की पदोन्नति का मामला उठाता रहा है। महामंत्री केएल अभी भी कुछ तकनीकी खामियां रह गई हैं, उसे भी दुरुस्त कराया जाएगा। कर्मचारियों के हित के लिए आगे भी संघर्ष जारी रहेगा। 


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