कोरोना संक्रमितों की मदद को 'साथी' ने फिर हाथ बढ़ाया
कुशीनगर की साथी समिति के सदस्य कोरोना काल में एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं दवा व भोजन संस्था के सदस्यों का सेवा भाव देख कर साधन संपन्न लोग आर्थिक मदद करने को आगे आए हैं। इससे संस्था की आर्थिक जरूरत पूरी हो रही है।
कुशीनगर: कोरोना की पहली लहर में लोगों की मदद करने वाली संस्था साथी सेवा समिति ने एक बार फिर लोगों की मदद का बीड़ा उठाया है। कसया के अहिरौली राजा क्षेत्र में कार्य करने वाले संस्था के युवा दूसरी लहर में भी मदद लेकर निकल पड़े हैं। पीड़ित भी इनके सेवा भाव के कायल हैं और मदद मांगने के साथ कह रहे हैं 'साथी' हाथ बढ़ाना। पिछली बार लाकडाउन में समिति के युवाओं ने लगभग 3000 परिवारों में खाद्यान्न मुहैया कराया था।
संस्था के सदस्यों ने सड़क से गुजरने वाले प्रवासी कामगारों को भी भोजन कराने का कार्य किया था। इस बार भी अब तक 700 से अधिक लोगों की मदद कर चुके हैं और यह सिलसिला जारी है।
संस्था से लगभग चार दर्जन युवा जुड़े हैं। यह हर कठिन समय में लोगों के लिए मददगार बनकर खड़े हो जाते हैं। बढ़ते संक्रमण के चलते आज जब लोगों के सामने रोजगार बंद हो जाने से भोजन, गरीब बीमार को दवा की जरूरत है तो उन्हें दवा व भोजन की मदद पहुंचा रहे हैं। गांवों में सैनिटाइजेशन का कार्य भी करा रहे हैं। इन युवाओं की आर्थिक मदद करने को क्षेत्र के युवा व्यवसायी, प्रतिष्ठित लोग एवं विदेश रहने वाले दर्जनों युवा भी आगे आए हैं। पिछली बार समिति के युवाओं के सराहनीय कार्य के लिए तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार पांडेय ने पीठ थपथपाई थी।
लोगों की पीड़ा देख कर मदद को बढ़े कदम
समिति के सदस्य जहांगीर खान, अमन जायसवाल, सत्यप्रकाश राव, अमित मद्धेशिया, डिपल पांडेय, रवि यादव, निशांत मिश्र, सोनू आदि बताते हैं कि संस्था से लगभग चार दर्जन उत्साही जुड़े हैं। सेवा का भाव समाज के परेशान लोगों का दर्द को देख कर मन में जगा। हम सभी साथियों ने इस दिशा में कुछ करने की ठानी। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से मदद की अपील की तो अप्रत्याशित परिणाम सामने आए। समाज में सैकड़ों ऐसे लोग हैं जो बिना किसी लोकप्रियता लोगों की मदद करने के लिए खड़े हैं। ऐसे ही लोगों के संबल से हम इस कठिन कार्य को कर पा रहे हैं।
चेंगौना के गौतम कुमार ने कहा कि
साथी समिति के सहयोग को कभी भुला नहीं सकता। इस कठिन दौर में उन्होंने बेटी की शादी में 20 हजार का सहयोग दिया है। अब कोरोनाकाल में मदद का हाथ लिए जरूरतमंदों के दर तक पहुंच रहे हैं।
अहिरौली राय की कौशल्या ने कहा कि मेरे लिए तो संस्था के युवा भगवान की तरह हैं। बंदी के कारण रोजगार ठप हो गया तो घर का चूल्हा भी ठंडा पड़ गया। तीन बच्चियों के साथ कैसे जीवन चलेगा, यह चिता खाए जा रही थी। इसी बीच देवदूत बनकर यह लोग मेरे घर राशन लेकर आए। इनके सहयोग से ही आज परिवार का भोजन चल रहा है।
समिति का कार्य प्रशंसनीय: ज्वाइंट मजिस्ट्रेट
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट,पूर्ण बोरा कहते हैं कि इस कठिन दौर में समिति का कार्य प्रशंसनीय है। पूर्व में किए गए युवाओं के सराहनीय कार्यों की भी जानकारी मिली है। इनको प्रोत्साहित करने की जरूरत है, लेकिन यह ध्यान रहे कि कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए ही कार्य करें। खुद को सुरक्षित रखते हुए ही मदद करें।