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अच्छी खबर: गोरखपुर में महिलाओं को मिलेगा रोजगार, करना होगा यह खास काम

गोरखपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (पराग डेयरी) की सुस्ती को दूर करने के लिए गांव की महिलाओं की सहायता ली जाएगी। हर गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के सहयोग से दुग्ध का संग्रह बढ़ाया जाएगा। इस काम में गोविवि के शोध छात्रों से भी सहयोग लिया जाएगा।

By Pragati ChandEdited By: Published: Fri, 25 Feb 2022 01:19 PM (IST)Updated: Fri, 25 Feb 2022 01:19 PM (IST)
अच्छी खबर: गोरखपुर में महिलाओं को मिलेगा रोजगार, करना होगा यह खास काम
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के सहयोग से पराग डेयरी को मिलेगी गति। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, उमेश पाठक। गोरखपुर जिले के खजनी मार्ग पर हरैया के पास स्थापित गोरखपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (पराग डेयरी) की सुस्ती दूर कर इसकी दशा बदली जाएगी। अधिक दूध के संग्रह के लिए गांव-गांव समिति का गठन किया जाएगा और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के सहयोग से दूध का संग्रह बढ़ाया जाएगा। प्लांट में पराग नाम से तैयार होने वाले उत्पादों की मार्केटिंग के लिए बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थलों एवं सार्वजनिक स्थानों पर मिल्क बार भी खोले जाएंगे।

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जिलाधिकारी ने दिया है यह निर्देश

पराग डेयरी की स्थिति इस समय बहुत अच्छी नहीं है। पर्याप्त दूध संग्रह के लिए गांव स्तर पर कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है। यह काम अधिकतर गांवों में किया जाएगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी इस काम से जोड़ा जाएगा। कुछ दिन पहले प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने संचालकों को यह निर्देश दिया है। इस संबंध में कार्ययोजना भी बनाई जा रही है। दूध का संग्रह बढ़ाने के लिए दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्रों से भी सहयोग लेने की तैयारी है। इस कार्ययोजना को अमल में लाने के लिए सहायक निबंधक सहकारी समितियों के साथ बैठक करने को कहा गया है। इस प्लांट में पराग नाम से तैयार किए जाने वाले दूध, पनीर, छेना, खीर, रसगुल्ला, दही, पेड़ा आदि का उत्पादन बढ़ाने के लिए खपत बढ़ाने पर भी काम चल रहा है। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद बस स्टैंड, धार्मिक स्थलों, पर्यटक एवं सार्वजनिक स्थानों पर मिल्क बार खोले जाएंगे। इसकी कार्ययोजना भी बना ली गई है। अधिक बिक्री के लिए बड़े-बड़े माल व सुपर मार्केट से संपर्क करने को कहा गया है। दूध एवं दुग्ध उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एसी रेफ्रीजरेशन वैन के माध्यम से आपूर्ति करने की तैयारी है। जल्द ही इसकी कार्ययोजना भी तैयार कर ली जाएगी। अनुप्रयुक्त पड़े पुराने प्लांट को जर्जर घोषित कराकर शासन से अनुमति लेकर नीलामी करने को कहा गया है। इस दुग्धशाला के चारो ओर चहारदिवारी भी बनाई जाएगी।

दूध के साथ गोबर भी बेच सकेंगे किसान

ईंधन बचाने के लिए बायोगैस प्लांट लगाने का निर्देश निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने दिया था। यह प्लांट लग जाने के बाद किसानों से दूध के साथ गोबर भी खरीदा जा सकेगा। किसानों की आय में वृद्धि तो होगी ही, प्लांट को भी कम खर्च में संचालित किया जा सकेगा। इसके लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से प्रस्ताव देने को कहा गया है।

अधिकारी बोले

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि कुछ दिन पहले दुग्धशाला का निरीक्षण किया गया वहां सुधार के लिए निर्देश दिए गए थे, जिसपर कार्यवाही हो रही है। इसे बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे लोगों के लिए रोजगार का अवसर पैदा हो सके और किसानों को भी अधिक लाभ हो सके।


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