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पन्नेलाल ने गोरखपुर के ठीकेदार से मांगी थी 10 लाख की रंगदारी Gorakhpur News

पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए बदमाश पन्नेलाल यादव उर्फ पन्ना ने डेढ़ माह पहले गोरखपुर के ठीकेदार कृष्णमुरारी सिंह से 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 02:17 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 08:24 AM (IST)
पन्नेलाल ने गोरखपुर के ठीकेदार से मांगी थी 10 लाख की रंगदारी Gorakhpur News
पन्नेलाल ने गोरखपुर के ठीकेदार से मांगी थी 10 लाख की रंगदारी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। एसटीएफ व बहराइच पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए बदमाश पन्नेलाल यादव उर्फ पन्ना ने डेढ़ माह पहले गोरखपुर के ठीकेदार कृष्णमुरारी सिंह से 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी। बदमाश ने नेपाल के मोबाइल नंबर से फोन किया था। सूर्य विहार मोहल्ले में रहने वाले ठीकेदार ने 20 मई को तिवारीपुर थाने में पन्नेलाल के खिलाफ रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया था। रुस्तमपुर के रहने वाले गाड़ी चालक जयसिंह हत्याकांड में क्राइम ब्रांच ने पांच साल पहले उसे गिरफ्तार किया था। इस मामले में एक साल पहले उसे जमानत मिली थी। मूल रुप से गुलरिहा इलाके का मनइतापुर गांव का रहने वाला बदमाश 15 साल से परिवार के साथ बहराइच में ही रहता था।

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जय सिंह साहनी हत्याकांड में एक साल पहले जमानत पर छूटा था

रुस्तमपुर के रहने वाले जयसिंह साहनी अपनी जीप स्वयं टैक्सी में चलाते थे। 21 मार्च 2013 को पन्नेलाल के साथियों ने खलीलाबाद जाने के लिए जीप बुक कराया। रास्ते में पन्नेलाल गाड़ी में बैठ गया और जयसिंह को अगवा कर बहराइच लेकर चला गया। वहां आरोपितों ने जयसिंह की हत्या कर लाश नहर में फेक दिया। 24 सितंबर 2014 को क्राइम ब्रांच ने पन्नेलाल और उसके साथी मनोज यादव, अर्जुन को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया था। एक साल पहले इस मामले में पन्नेलाल को जमानत मिल गई।

छह जिलों में दर्ज था 30 केस

मूल रुप से गुलरिहा थानाक्षेत्र के मनइतापुर गांव के मंगलपुर टोला का का रहने वाला बदमाश पन्नेलाल यादव उर्फ पन्ना 15 साल से परिवार के साथ बहराइच में ही रहता था। पन्नेलाल के ऊपर गोरखपुर, महराजगंज, लखनऊ, बाराबंकी, खीरी और बहराइच में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी मांगने और दुराचार के 30 केस दर्ज हैं। 2009 में बाराबंकी में पन्ना पकड़ा गया था लेकिन वह फरार हो गया था।

कक्षा पांच पास था

पन्ना कक्षा पांच पास था, लेकिन उसके साथी उसे डॉक्टर के नाम से बुलाते थे। पुलिस को चकमा देने के लिए अपनी गाड़ी पर सत्ता पक्ष का झंडा लगाकर चलता था। 2014 में क्राइम ब्रांच ने जब से उसे पकड़ा था तो उसकी गाड़ी पर एक पार्टी का झंडा लगा था।

जेलर से की थी हाथापाई

जयसिंह साहनी हत्याकांड में गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक पन्नेलाल गोरखपुर जेल में रहा। जेल बंद बदमाशों का गैंग बनाकर वह दबंगई करता था। 2017 में मोबाइल से बात करने की शिकायत पर तत्कालीन जेलर ने पूछताछ की तो बदमाश ने उनसे हाथापाई कर ली थी। जिसके बाद उसे तन्हाई में डाल दिया गया था।


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