कहीं सन्नाटा तो कहीं लक्ष्य से बहुत कम हुई खरीद
अरुण कुमार तहसीलदार बांसी ने बताया कि केंद्रों की बराबर जांच की जा रही। इस दौरान केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है हर किसान का उपज खरीदें और खरीद में तेजी लाएं। अनावश्यक किसी किसान को परेशान न करें। कहीं की भी शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी।
सिद्धार्थनगर : धान में नमी के बहाने सरकारी खरीद कच्छप गति से चल रही है, जबकि क्रय केंद्र पर खरीद का क्रम सरकारी फरमान के अनुसार एक नवंबर से ही शुरू है। बावजूद कहीं दो हजार तो कहीं तीन हजार क्विंटल की ही खरीद केंद्र प्रभारी किए हैं। तीन केंद्रों की गई पड़ताल में यह बात सामने आई। यही गति रही तो कोई भी केंद्र अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकेगा।
क्रय केंद्र सकारपार -
धान क्रय केंद्र सकारपार को 1000 क्विंटल खरीद का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से अभी तक मात्र 2200 क्विंटल की खरीदारी हो पाई है। केंद्र पर पहुंचने पर सन्नाटा दिखाई पड़ा। सचिव पूनम अग्रहरी का कहना था कि प्रतिदिन किसानों के धान की तौल हो रही हैं। किसानों के धान अभी गिले है। जिससे खरीद धीमी है। क्रय केंद्र महुलानी -
धन क्रय केंद्र महुलानी में तौल चल रही थी। इस केंद्र को भी 1000 क्विंटल का लक्ष्य दिया गया है। केंद्र प्रभारी केसी पांडेय ने बताया कुछ ना कुछ रोज तौल हो रही हैं। अभी किसानों के धान कम आ रहे क्यों की उपज में अभी नमी है। मेरा प्रयास है की हर किसान के धान ले लिया जाए। क्रय केंद्र बिशुनपुर
क्रय केंद्र साधन सहकारी समिति बिशुनपुर को भी एक हजार क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है। दोपहर में यहां सन्नाटा रहा। कोई किसान व उसका अनाज तौल के लिए नहीं था। यहां अभी तक 17 सौ ही खरीद हो पाई है। केंद्र प्रभारी विनय ने बताया आज सुबह तौल किया गया था। आज किसान धान लेकर कम आए थे। किसानों की सुनिए
नंगा यादव, कोटिया ने बताया कि जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन 100 क्विंटल का है, उनका 40 से 45 क्विटल का ही सत्यापन हो पा रहा है। जिससे किसान अपनी पूरी उपज नहीं बेच पा रहे। रामनेवास तिवारी, सकारपार ने बताया कि धान खरीद धीमी गति से चल रही है। सूखे धान को भी नमी बता वापस कर दिया जा रहा है। केंद्र भी बहुत कम बने हैं। और क्रय केंद्र होने चाहिए। अनिल मौर्या, सेमरा ने बताया कि
केवल बड़े किसानों से खरीद हो रही है। मध्यम और छोटे किसानों का धान कम ही तौल हो पाता है। प्रशासन प्रतिदिन निरीक्षण और तौल का लेखा-जोखा ले। हीरालाल पासवान, चोरईताल ने बताया कि धान क्रय केंद्र की दूरी 10 किमी है। हम छोटे किसान वहां पहुंचाने में असमर्थ हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि प्रत्येक न्याय पंचायत पर धान क्रय केंद्र खोले। अरुण कुमार, तहसीलदार बांसी ने बताया कि केंद्रों की बराबर जांच की जा रही। इस दौरान केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है हर किसान का उपज खरीदें और खरीद में तेजी लाएं। अनावश्यक किसी किसान को परेशान न करें। कहीं की भी शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी।