बारिश में भीगा खुले में रखा धान, बढ़ी परेशानी
कुशीनगर में बारिश की वजह से धान खरीद पर असर पड़ा है केंद्रों पर खरीद कर रखी गई धान की बोरियां भीग गई हैं इससे सरकारी धान का नुकसान हुआ है काफी धान किसानों का भी भीगा है जिनकी तौल नहीं हुई थी किसानों को क्रय केंद्रों पर सोना पड़ रहा है।
कुशीनगर : बारिश की वजह से जिले के धान क्रय केंद्रों पर खुले में रखा धान भीग गया है जिससे काफी क्षति हुई है। दूसरी तरफ खरीद भी ठप पड़ गई है। इससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं।
मोतीचक विकास खंड के पट्टन स्थित मोतीचक व सुकरौली के दोनों क्रय केंद्रों पर चार कांटे हैं। मंगलवार रात को हुई बारिश में इन केंद्रों पर बाहर रखा गया सैकड़ों क्विंटल धान भीग गया। पट्टन क्रय केंद्र पर धान बेचने पहुंचे पिपरैचा निवासी धीरेंद्र ने बताया कि तीन दिन से धान लेकर आया हूं, 30 क्विंटल धान बेचना है। सतेंद्र निवासी खोट्ठा ने बताया कि 120 क्विंटल धान लेकर बीते चार दिनों से हम गोदाम में ही सो रहे हैं। रात में बारिश आने पर ट्राली पर लदे धान को सुरक्षित किया गया फिर भी धान भीग गया है। पकड़ी नयपुर के पुजारी यादव ने बताया कि 180 क्विंटल धान बेचना है। तौल के लिए कई दिनों से परेशान हूं। शिवशरण सिंह व विद्या ने भी बताया कि आज चार दिन से धान लेकर क्रय केंद्र पर हम लोग रह रहे हैं।
कसया क्षेत्र में बरवां फार्म स्थित विपणन विभाग के धान क्रय केंद्र पर खुले में बोरे में रखा धान आंशिक रूप से भीग गया। बुधवार की सुबह मजदूरों की मदद से बोरियों को गोदाम में रखवाया गया। उक्त केंद्र पर किसानों से लगभग 6400 क्विंटल धान की खरीद हुई है। क्रय किया गया धान फार्म के गोदाम में रखा गया है। पिछले एक सप्ताह से क्रय किया धान बोरियों में भरकर खुले में रखा गया था। जिसे प्लास्टिक से ढंका गया था। 50 बोरी धान आंशिक रूप से भीग गया। एसएमआइ विजयशंकर राय ने बताया कि मिलरों के धान नहीं लेने के चलते खरीदारी का धान गोदाम में भरा पड़ा है। कुछ धान जो बाहर था वह भींग गया है।