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इन जवानों ने मुर्तजा के नापाक मंसूबों को किया था नाकाम, जानें फांसी की सजा सुनाए जाने पर उनकी प्रतिक्रिया

घटना को याद करते हुए गोपाल बताते हैं कि तीन अप्रैल 2022 की शाम को मंदिर के दक्षिणी गेट के बाहर बैरियर के पास ड्यूटी पर थे। इसी दौरान हाथ में धारदार हथियार लेकर मुर्तजा पहुंचा और हमला करने के बाद राइफल छीनने लगा।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Tue, 31 Jan 2023 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 09:17 AM (IST)
मुर्तुजा को फांसी की सजा की खबर के बाद खुशी मनाते लोग। जागरण

सतीश पांडेय, गोरखपुर: मुर्तजा अहमद को फांसी की सजा सुनाए जाने की जानकारी जैसे ही जाबांज सिपाही अनिल पासवान और गोपाल गौड़ को मिली, कानून पर उनका भरोसा और दृढ़ हो गया है। तीन अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले को पीएसी के इन्हीं दोनों जवानों ने नाकामयाब किया था। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद अन्य सिपाहियों की मदद से इन्होंने मुर्तजा को काबू किया था।

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फैसले को लेकर दूरभाष पर हुई बातचीत में जवानों ने कहा कि न्यायालय का फैसला देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के लिए सबक है। अब दूसरा मुर्तजा पैदा नहीं होगा। 20वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़ के जवान गोपाल गौड़ व अनिल पासवान की ड्यूटी पिछले डेढ़ वर्ष से गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था में है।

घटना को याद करते हुए गोपाल बताते हैं कि तीन अप्रैल, 2022 की शाम को मंदिर के दक्षिणी गेट के बाहर बैरियर के पास ड्यूटी पर थे। इसी दौरान हाथ में धारदार हथियार लेकर मुर्तजा पहुंचा और हमला करने के बाद राइफल छीनने लगा। काबू करने की कोशिश करने पर दोबारा हमला करने का प्रयास किया तो कुछ दूरी पर खड़े जवान अनिल पासवान पहुंचे। धक्का देकर गिराने के बाद मुर्तजा ने पैर व हाथ पर कई वार कर दिया। गेट के पास पहुंचकर उन्होंने घटना की जानकारी अन्य साथियों को दी तो उन्होंने घेराबंदी कर पकड़ा।

मुख्यमंत्री ने बढ़ाया था हौसला

अदम्य साहस का परिचय देते हुए बड़ी वारदात को नाकाम करने में घायल हुए पीएसी के जवानों का हाल जानने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चार अप्रैल, 2022 को बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचे थे। बहादुर जवानों का हौसला बढ़ाने के साथ ही अधिकारियों को उनकी देखभाल व उपचार कराने के निर्देश दिए थे।

गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। ऐसे में आध्यात्मिक केंद्र पर हमला लोगों की आस्था पर चोट करने जैसा था। हमलावार को फांसी मिलने से हर आस्थावान को आत्मिक संतुष्टि मिलेगी।

खौफ और शौर्य का वह आधा घंटा

गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर अचानक हुए हमले ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी थी। पीएसी के जवान गोपाल गौड़ व अनिल पासवान के घायल होने के बाद भी अन्य सुरक्षाकर्मियों ने मुर्तजा पर गोली नहीं चलाई। धैर्य से काम लेते हुए आधे घंटे में उसे गेट के भीतर मोर्चा के पास दुकानदारों की मदद से पकड़ लिया।

तीन अप्रैल, 2022 की शाम 7:30 बजे के करीब मुर्तजा दाव लेकर गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट पर पहुंचा। बैग से दाव निकालकर गेट पर तैनात पीएसी के जवान गोपाल गौड़ व अनिल पासवान पर हमला कर दिया। गेट पर सुरक्षा में लगे उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान अनुराग राजपूत व एलआइयू के सिपाही अनिल ने रोकने का प्रयास किया, तो उन्हें भी दौड़ा लिया।

साहस दिखाते हुए सिपाही अनुराग दौड़ते हुए मोर्चा के पास पहुंचे। वहां खड़े पीएसी जवान को असलाह थमा दिया। थोड़ी दूरी पर रखे बांस के टुकड़े को उठाकर हमलावर पर प्रहार कर सिपाही अनिल व दुकानदारों की मदद से उसे घेर लिया। इस दौरान मुर्तजा भी घायल हो गया था। 


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