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Air Pollution: पछुआ हवाओं से म‍िला आक्‍सीजन, काबू में आया वायु प्रदूषण

गोरखपुर में में एयर क्वालिटी इंडेक्स में काफी सुधार हुआ है। एक्युआइ 322 से 121 पर पहुंच गया है। इसकी प्रमुख वजह है कि पछुआ हवाओं का तेज गति से चलना। पिछले पांच दिनों से पछुआ हवाएं अधिकतम करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चल रही हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 02:02 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 02:02 PM (IST)
पछुआ हवाओं के बहने से गोरखपुर में प्रदूषण न‍ियंत्र‍ित हो गया है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पिछले छह दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्युआइ) के स्तर में काफी सुधार हुआ है। एक्युआइ 322 से 121 पर पहुंच गया है। इसकी प्रमुख वजह है कि पछुआ हवाओं का तेज गति से चलना। पिछले पांच दिनों से पछुआ हवाएं अधिकतम करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चल रही हैं। इसके चलते हवा से धूल के कण दूर हुए हैं। इसके चलते एक्युआइ के स्तर में सुधार हुआ है।

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हवाओं की गति तेज होने पर कम हो जाता है वायु प्रदूषण

ऊपरी व निचले वायुमंडल में हवा की रफ्तार घटने व बढ़ने से एक्युआइ पर प्रभाव पड़ता है। हवा की गति कम होती है तो वायु प्रदूषण बढ़ता है। गति तेज होने पर वायु प्रदूषण कम हो जाता है। जिले में पिछले पांच दिनों से पछुवा हवाओं ने वायु प्रदूषण को काफी कम किया है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सहायक वैज्ञानिक सतेन्द्र नाथ यादव का कहना है कि वायु को प्रदूषित करने में धूल के कण व वाहनों के धुएं की प्रमुख भूमिका है। वाहनों से निकलने वाले धुएं से करीब 85 से 90 प्रतिशत हवा दूषित होती है।

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी परिसर में हो रहे कंस्ट्रक्शन से परिसर में वाहनों के आवागमन से भी धूल कण मौजूद है। परिसर में मौजूद धूल के कण दिन के समय में आसमान में चले जाते हैं और वहां पर स्ट्रेटोस्फीयर में उपस्थित हो जाते हैं और रात में यही धूल कण मौसम में नमी होने के कारण कोहरे के साथ फिर पृथ्वी की तरफ आते हैं। इससे अत्यधिक मात्रा में सुबह में कोहरे की परत का निर्माण होता है। यह कोहरा ही वायु प्रदूषण के कारण ही होता है, लेकिन पिछले कई दिनों से हवा के चलते धूल के कण दूर हो रहे हैं। इसके चलते एक्युआइ में काफी सुधार हुआ है।

अपनाएं सावधानी

वायु प्रदूषण के चलते सांस की बीमारी, अस्थमा अपने उग्र रूप में पहुंच जाता है। इससे थकान, सिरदर्द, चिंता, आंख, नाक, गले में जलन, तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में लोगों को विशेष सावधानी अपनाने की जरूरत है।

पिछले छह दिनों का एक्युआइ व हवा की अधिकतम गति

तिथि एक्युआइ हवा की अधिकतम गति

27 नवंबर- 322 6

28 नवंबर- 236 10

29 नवंबर- 187 11

30 नवंबर- 142 10

1 दिसंबर- 173 10

2 दिसंबर- 121 10

हवा किलोमीटर प्रति घंटे में है।


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