जानें- फावड़ा लेकर खुद नदी में क्यों उतर गए डीएम साहब..
बस्ती जिले की पौराणिक महत्व की मनोरमा नदी की सफाई के लिए जिलाधिकारी डा. राजशेखर खुद नदी में उतरे। डीएम ने काफी देर तक नदी से शैवाल और जलकुंभी की सफाई की।
बस्ती, जेएनएन। पौराणिक महत्व की मनोरमा नदी की सफाई के लिए हर्रैया तहसील क्षेत्र के जगदीशपुर गांव के पास जिलाधिकारी डा. राजशेखर खुद नदी में उतरे। डीएम ने काफी देर तक नदी से शैवाल और जलकुंभी की सफाई की। इसके अलावा फावड़े से तालाब की खुदाई की। डीएम के साथ उनके 11 साल के पुत्र आर्यन ने भी सफाई कार्य में हिस्सा लिया।
डीएम के नदी सफाई कार्य में हिस्सा लेने की खबर एक दिन पहले ही अधिकारियों को लग चुकी थी। लोगों को लगा डीएम आएंगे और प्रतीकात्मक कार्य का शुभारंभ कर चले जाएंगे। इसके उलट पैंट और शर्ट मोड़कर वह खुद ही पुत्र के साथ नदी में उतर गए। सीडीओ एसडीएम,बीडीओ भी खुद को नहीं रोक पाए। सफाई कार्य में ग्राम प्रधानों के अलावा सैकड़ों मनरेगा मजदूरों ने हिस्सा लिया।
ऐतिहासिक है यह नदी
115 किमी लंबी इस नदी के पग-पग पर इतिहास है। इसके किनारे ही मखौड़ा धाम है,जहां राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। जागरण ने मनोरमा के पुनरुद्धार कार्य को जनअभियान बनाने के लिए समाचारीय अभियान चलाया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इससे जुड़ गए। उन्होंने 28 जनवरी 19 को मखौड़ा धाम में पुनरोद्धार कार्य का शुभारंभ किया। इसी के बाद मनोरमा नदी की सफाई में विशाल जन सहभागिता देखने को मिली। सांसद हरीश द्विवेदी और विधायक अजय सिंह के अलावा क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी इससे जुड़ गए। नदी के एक किमी की परिधि में 96 ग्राम पंचायतों में अन्य जल स्रोतों का भी पुनरोद्धार होना हैं। इसके लिए 1092.357 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार है। नदी के किनारे के 164 तालाबों का जीर्णोद्धार तथा दोनों तरफ 417790 पौधरोपण की योजना है।
सबने लिया संकल्प- अवरिल, निर्मल बनाएंगे मनारेमा
जिलाधिकारी मनोरमा नदी के सफाई को आवास से निकलने लगे तो डीएम के पुत्र आर्यन भी जिद करके साथ हो लिए। कक्षा पांच के छात्र आर्यन ने नदी के सफाई कार्य में खूब पसीना बहाया। यह देख ग्रामीण उत्साहित हो उठे। सबने नदी को अविरल और निर्मल बनाने का संकल्प लिया है। डीएम की नदी के प्रति यह आस्था सबके बीच चर्चा का विषय बन गई है।