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वन माफिया जैसराज व उसके गुर्गे की संपत्ति कुर्क करने के आदेश

प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि गोरखपुर वन प्रभाग के गोरखपुर और महराजगंज जिले में 16 वन माफिया चिह्नित हैं। सभी के विरुद्ध भी गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करने के लिए पुलिस को रिपोर्ट भेजी गई है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 05:19 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 05:19 PM (IST)
वन माफिया जैसराज व उसके गुर्गे की संपत्ति कुर्क करने के आदेश
कुर्की के लिए कार्रवाई की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। वन माफिया जैसराज और उसके एक गुर्गे की अपराध के जरिये अर्जित चल-अचल संपत्ति कुर्क होगी। डीएम ने गुरुवार को कुर्की काि आदेश जारी कर कैंपियरगंज तहसीलदार और स्थानीय पुलिस से तीन दिन के अंदर कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है।

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जंगल से बड़े पैमाने पर पेड़ कटान के आरोप

कैंपियरगंज क्षेत्र के मूसाबार, बुढ़लिया टोला निवासी जैसराज पर कैंपियरगंज और फरेंदा जंगल से बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटान कराने के आरोप में कई मुकदमे हैं। इस आधार पर वन विभाग ने उसे माफिया घोषित कर रखा है। क्षेत्र के मूसाबार निवासी मनोज भी उसके गैंग में शामिल है। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने कैंपियरगंज तहसीलदार और स्थानीय पुलिस को वन माफिया जैसराज की दो पत्नियों निर्मला देवी और सत्यभामा के नाम से खरीदी गई .405 और .121 हेक्टेयर जमीन तथा स्कार्पियो व बोलेरो गाड़ी और उसके गुर्गे मनोज की बोलेरो गाड़ी कुर्क करने का आदेश दिया है।

दूसरे वन माफिया पर भी कसेगा शिकंजा

प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि गोरखपुर वन प्रभाग के गोरखपुर और महराजगंज जिले में 16 वन माफिया चिह्नित हैं। सभी के विरुद्ध भी गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करने के लिए गोरखपुर और महराजगंज जिले की पुलिस को रिपोर्ट भेजी गई है। इन वन माफियाओं को भी बहुत जल्द कानून के शिकंजे में लेने की तैयारी चल रही है।

कृषि वानिकी से रोजगार के अवसर सृजित होंगे

नवागत मुख्य वन संरक्षक भीम सेन ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता ही मेरी प्राथमिकता है। अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना सरकार का प्रमुख उद्देश्य है। कृषि वानिकी तथा वन आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर सृजित करने का प्रयास किया जाएगा। हरित क्षेत्र बढ़ाने और अगले साल 30 करोड़ पौधों का रोपण कराने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अभी से बड़े पैमाने पर नर्सरी तैयार की जाएगी। भीमसेन ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि वन संपदा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। उनका उपयोग कर वन आधारित कई तरह के उद्योग स्थापित किए जाने की अभूतपूर्व संभावनाएं हैं। इस दिशा में ठोस प्रयास किया जाएगा। कटान रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी। वन क्षेत्र में नियमित गश्त की व्यवस्था करने के साथ ही मजबूत मुखबिर तंत्र खड़ा करने का प्रयास किया जाएगा। वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए भी हर संभव कदम उठाए जाएंगे। अखिल भारतीय वन सेवा के 1996 बैच के अधिकारी भीम सेन इससे पहले लखनऊ में प्रोजेक्ट जायका के चीफ कंजरवेटर/प्रोजेक्टर डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे। पिछले दिनों उनका तबादला गोरखपुर वन प्रभाग के मुख्य वन संरक्षक के पद हो गया।


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