महिला की हत्या के केस में दारोगा ने लगाई एफआर, एसएसपी ने सीओ को सौंपी जांच Gorakhpur News
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टर ने मौत का कारण एंटी मार्टम इंजरी लिखा पर दारोगा नेे फाइनल रिपोर्ट लगा दी। अभियुक्त बरी हो गए।
गोरखपुर, जेएनएन। हरपुर बुदहट क्षेत्र के ग्राम खरहा देउर में संपत्ति पर कब्जे को लेकर 24 जुलाई 2018 को हुई 60 वर्षीय इंद्रावती शुक्ल की हत्या के केस में दारोगा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को नजरंदाज करते हुए एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाकर हत्यारों को अभयदान दे दिया। दारोगा के खिलाफ जांच के लिए एसएसपी ने पुलिस क्षेत्राधिकारी को जिम्मेदारी दी है।
जनता दर्शन में मुख्यमंत्री से मिले थे परिजन
दारोगा की मनमानी से क्षुब्ध मृत महिला के पुत्र अजय शुक्ल मंदिर परिसर में आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री से मिले और दारोगा द्वारा हत्या के मामले में गलत ढंग से एफआर लगाने की जानकारी देकर न्याय की गुहार लगाई। कहा कि किसी ईमानदार दारोगा से मां की हत्या के मामले की जांच कराकर दोषी को सजा दिलाएं। मुख्यमंत्री के आदेश पर सचिव रविंद्रनाथ ने एसएसपी को इंद्रावती हत्याकांड की जांच के निर्देश दिया तो एसएसपी ने सीओ खजनी को जांच सौंपी।
यह था मामला
खरहा देउर निवासी अजय शुक्ल ने बताया कि मां इंद्रावती की हत्या का कारण राजघाट क्षेत्र के तुर्कमानपुर में स्थित तबेले की भूमि पर कब्जा करना है। तबेले की भूमि हथियाने के लिए विरोधियों ने पहले स्टैंप पर मां का जबरन अंगूठा लगवाया फिर 24 जुलाई 2018 की रात में बरामदे में सो रही मां के सिर पर वजनी वस्तु से प्रहार कर हत्या कर दी।
पोस्टमार्टम में रिपोर्ट में था यह मामला
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टर ने मौत का कारण एंटी मार्टम इंजरी लिखा पर तत्कालीन थानाध्यक्ष धर्मेंद्र ने 26 दिन बाद 2018 अगस्त को हत्या का केस दर्ज किया। पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि के बाद भी दारोगा ने एफआर लगाकर हत्यारों को अभयदान दे दिया।
जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
एसएसपी डा. सुनील कुमार गुप्त का इस संबंध में कहना है कि हरपुर बुदहट क्षेत्र के ग्राम खरहा देउर में जुलाई 2018 में हुई इंद्रावती शुक्ल की हत्या के केस में दारोगा के एफआर लगाने की जांच सीओ खजनी को सौंपी है। जांच में आरोप सही मिलने पर दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।