Coronavirus: कोरोना की केवल दहशत, अन्य बीमारियों से हो रहीं ज्यादा मौतें Gorakhpur News
Coronavirus पूर्वांचल में कोरोना वायरस से अधिक मौतें अन्य बीमारियों से हो रही हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना उतना घातक नहीं है, जितनी अन्य गंभीर बीमारियां। हार्ट, किडनी, मधुमेह की बीमारियों ने ज्यादा जिंदगियां छीनी हैं। अन्य बीमारियों से जिले में प्रतिदिन पांच से छह मरीज दम तोड़ रहे हैं, जबकि अब तक कोरोना से पीडि़त सिर्फ 13 मरीजों की मौत हुई है। वह लोग भी किडनी, हार्ट, हाइपर टेंशन व मधुमेह से पीडि़त थे। सामान्य कोरोना पीडि़त पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। बावजूद इसके कोरोना को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। बचाव व शारीरिक दूरी बनाकर हम इसे पूरी तरह हराने में कामयाब होंगे।
अन्य बीमारियों से रोज पांच-छह मरीज तोड़ रहे दम
बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल व जिला महिला अस्पताल में भर्ती मरीजों का आंकड़ा देखें तो तथ्य चौंकाने वाले हैं। जितनी दहशत कोरोना को लेकर है, दरअसल यह उतना खतरनाक नहीं है। अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीजों की मृत्यु की दर अधिक है। हालांकि उचित देखभाल व इलाज के चलते ऐसे मरीजों में भी ठीक होने वालों की संख्या 95 फीसद से अधिक है।
मेडिकल कॉलेज
माह भर्ती मौत कोरोना से मौत
मई 2325 143 07
जून 2630 149 06
जिला अस्पताल
माह भर्ती मौत कोरोना से मौत
मई 713 15 00
जून 808 23 00
अन्य बीमारियोंं की अपेक्षा कोरोना से मौत की संख्या नहीं के बराबर है। कोरोना को लेकर लापरवाह नहीं होना है, लेकिन भयभीत होने की भी जरूरत नहीं है। बचाव करते हुए हम इस वायरस को विदा कर सकते हैं। - डॉ.गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज
मेडिकल कॉलेज को मिली एंटीजन किट
कोरोना की 30 मिनट में जांच करने वाली एक हजार एंटीजन किट बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज को मंगलवार को मिल गई। इस किट को दक्षिण कोरिया की कंपनी बायोसेंसर ने बनाया है। कोरोना संक्रमितों की पहचान करने में इस किट से बड़ी मदद मिलेगी। हालांकि डॉक्टरों के अनुसार इस किट से कोई खास फायदा नहीं होगा। इससे पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर तो लाभ मिलेगा। लेकिन निगेटिव आने पर पुन: उसकी रीयल टाइम पॉलिमर चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) से जांच करनी होगी। इसलिए इस किट से काम का दबाव कम नहीं होगा। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश ङ्क्षसह ने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर जांच 30 मिनट में पूरी हो जाएगी लेकिन निगेटिव आने पर पुन: उसकी जांच में सात-आठ घंटे लगेंगे।