एक ही व्यक्ति को दो बार दे दिया आवास, अब अधिकारी फंसे
प्रधानमंत्री आवास देने के पहले संबंधित व्यक्ति की ठीक से जांच पड़ताल की जाती है, उसके बाद ही उसके खाते में पैसा भेजा जाता है।
By Edited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 09:50 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। भटहट विकास खंड के ग्राम पंचायत भिसवा में एक ही व्यक्ति को दो बार आवास देने के मामले में कमिश्नर ने जांच का आदेश दे दिया है। इस मामले को दैनिक जागरण ने 13 दिसंबर के अंक में खबर प्रकाशित की थी। मामले में वर्तमान सचिव आनंद वरुण से संबंधित आवास की फाइल के साथ ही तत्कालीन सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह से जवाब तलब किया जा रहा है।
बता दें कि भिसवा में रामपाल पुत्र रामधनी को वर्ष 2011-12 में इंदिरा आवास मुहैया कराया गया था, जिसकी अनुदान राशि 45 हजार रुपये थी। उसी व्यक्ति को वर्ष 2017-18 में दोबारा प्रधानमंत्री आवास मुहैया करा दिया गया, जिसकी लागत एक लाख बीस हजार रुपये है। खास बात तो यह है कि यह प्रधानमंत्री आवास पहले से बनाए गए इंदिरा आवास में शामिल करके बना दिया गया।
आवास मुहैया कराए जाने से पूर्व लाभार्थियों की सघन जाच पड़ताल एडीओ स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है। उसके पश्चात बीडीओ द्वारा जांचकर आवास के लाभार्थियों को स्वीकृति प्रदान करते हुए डोंगल कर उनके खाते में पैसा भेजा जाता है। उसी तरह जांच करके रामधनी को भी आवास का पैसा मुहैया कराया गया। इससे स्पष्ट होता है कि इस तरह के तमाम मामले होंगे जहां पर एक ही लाभार्थी को दोबारा आवास की सुविधा दे दी गई। जागरण की पड़ताल के बाद यह मामला सामने आया। अन्यथा अधिकारियों की नजर में वह भी जायज ही था। एडीओ पंचायत जगबंश कुशवाहा ने बताया कि कमिश्नर के निर्देश पर मामले की जाच पड़ताल की जा रही है। जल्द ही जाच रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
बता दें कि भिसवा में रामपाल पुत्र रामधनी को वर्ष 2011-12 में इंदिरा आवास मुहैया कराया गया था, जिसकी अनुदान राशि 45 हजार रुपये थी। उसी व्यक्ति को वर्ष 2017-18 में दोबारा प्रधानमंत्री आवास मुहैया करा दिया गया, जिसकी लागत एक लाख बीस हजार रुपये है। खास बात तो यह है कि यह प्रधानमंत्री आवास पहले से बनाए गए इंदिरा आवास में शामिल करके बना दिया गया।
आवास मुहैया कराए जाने से पूर्व लाभार्थियों की सघन जाच पड़ताल एडीओ स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है। उसके पश्चात बीडीओ द्वारा जांचकर आवास के लाभार्थियों को स्वीकृति प्रदान करते हुए डोंगल कर उनके खाते में पैसा भेजा जाता है। उसी तरह जांच करके रामधनी को भी आवास का पैसा मुहैया कराया गया। इससे स्पष्ट होता है कि इस तरह के तमाम मामले होंगे जहां पर एक ही लाभार्थी को दोबारा आवास की सुविधा दे दी गई। जागरण की पड़ताल के बाद यह मामला सामने आया। अन्यथा अधिकारियों की नजर में वह भी जायज ही था। एडीओ पंचायत जगबंश कुशवाहा ने बताया कि कमिश्नर के निर्देश पर मामले की जाच पड़ताल की जा रही है। जल्द ही जाच रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
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