Move to Jagran APP

वन विभाग ने नहीं ली सुधि, साल भर के अंदर ही सूख गए एक लाख पौधे Gorakhpur News

पौधारोपण से लेकर इनके सुरक्षा इंतजाम पर बड़ी रकम खर्च करने केे बाद भी आधे से ज्यादा पौधे सूख गए। निशान के तौर पर उनके गड्ढे या फिर खाली ब्रिक गार्ड ही नजर आ रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 04:30 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 04:30 PM (IST)
वन विभाग ने नहीं ली सुधि, साल भर के अंदर ही सूख गए एक लाख पौधे Gorakhpur News
वन विभाग ने नहीं ली सुधि, साल भर के अंदर ही सूख गए एक लाख पौधे Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती में वन विभाग एंव ग्राम्य विकास की ओर से पिछले वर्ष जून व जुलाई माह पौधारोपण अभियान चलाया गया था। हर्रैया रेंज में वन विभाग की ओर से एक लाख 35 हजार 300 पौधे रोपित किए गए थे। देखरेख के अभाव में अधिकांश पौधे सूख गए। अधिकतर ब्रिकगार्ड  खाली पड़े हैं।

loksabha election banner

यहां पर लगाए गए थे इतने पौधे

हर्रैया ब्लाक की कुल 94 ग्राम पंचायतों व सड़कों पर 60 हजार व विक्रमजोत विकास खंड की 79 ग्राम पंचायतों व सड़कों पर 40 हजार पौधे लगाए गए थे। वहीं परशुरामपुर की 107 ग्राम पंचायतों में 35 हजार पौधे रोपित किए गए थे। सड़कों के किनारे लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए ब्रिक गार्ड भी बनाया गया था।

सुरक्षा पर भी बड़ी रकम हुई खर्च

पौधारोपण से लेकर इनके सुरक्षा इंतजाम पर बड़ी रकम खर्च करने केे बाद भी आधे से ज्यादा पौधे सूख गए। निशान के तौर पर उनके गड्ढे या फिर खाली ब्रिक गार्ड ही नजर आ रहे हैं।

ब्रिकगार्ड भी धराशायी

अभियान के तहत पौराणिक स्थल मखौड़ा में भी सघन पौधारोपण किया गयाथा। अधिकांश पौधे सूख गए हैं। ब्रिकगार्ड भी धराशायी ही हो गए हैं। परशुरामपुर-लकड़मंडी मार्ग सहित तमाम गांवों में लगे पौधों का पता नहीं है।

अधिकारियों की जानकारी में पूरा मामला

इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी विनोद कुमार नायक का कहना है‍ कि वन विभाग की जमीन पर लगाए गए अधिकतर पौधे ठीक हाल में है। ग्राम पंचायतों के सुपुर्द किए गए पौधों के सूखने की जानकारी मिली है। उच्‍चाधिकारियों को इससे अवगत कराया गया है।

प्रधानों से मांगा जाएगा स्‍पष्‍टीकरण

इस संबंध में खंड विकास अधिकारी रामरेखा सरोज का कहना है कि ग्राम पंचायत में मनरेगा से पौधारोपण कराया गया था। जहां भी औसत से ज्यादा पौधे सूखे हैं। उन ग्राम पंचायतों के प्रधान व सचिवों से स्पष्टीकारण मांगा जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.