गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रामगढ़ताल की तर्ज पर चिलुआताल को भी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया पर्यटन विभाग ने तेज कर दी है। 400 एकड़ में क्षेत्र में इस पर्यटन केंद्र को विकसित करने के लिए विभाग ने भूमि अधिग्रहण को लेकर कार्यवाही को गति दे दी है। करीब 400 काश्तकारों से 28 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना है, इनमें से आधे काश्तकारों से अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। उधर कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को जल्द से जल्द डीपीआर तैयार करने के लिए निर्देश दे दिया गया है। पूरी कोशिश है कि अगले महीने से कार्य शुरू कराकर छह महीने के अंदर पूरा करा लिया जाए ताकि नए वर्ष में पर्यटक इस पर्यटन केंद्र का लुत्फ उठा सकें। 26.5 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए पहली कड़ी के रूप में शासन की ओर से साढ़े चार करोड़ जारी किए जा चुके हैं।

50 करोड़ होगा खर्च

23 करोड़ 56 लाख रुपये जमीन अधिग्रहण के मद में स्वीकृत हुए हैं। इस तरह से इस प्रोजेक्ट की कुछ लागत करीब 50 करोड़ है। चिलुआताल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की वजह उस क्षेत्र का तेजी से हो रहा विकास है। फर्टिलाइजर कारखाना एक बार फिर धुआं छोडऩे को तैयार है। पास से गुजर रही फोरलेन सड़क ने भी क्षेत्र का महत्व बढ़ा दिया है। गोरखनाथ मंदिर का नजदीक होना भी इसकी बड़ी वजह है।

ताल किनारे बनेगा 140 मीटर का घाट, 660 मीटर का वाकिंग-ट्रैक

चिलुआताल में 800 मीटर का बांध बनाया जाएगा। इसमें 140 मीटर का घाट होगा। 660 मीटर में बोल्डर पीङ्क्षचग कराई जाएगी और उसके ऊपरी हिस्से में वाङ्क्षकग ट्रैक बनाया जाएगा। घाट तक पहुंचने के लिए 500 मीटर का एप्रोच मार्ग भी बनेगा। घाट के पास सात क्यास्क लगाए जाएंगे और उनके नीचे बेंच का इंतजाम होगा, जहां बैठकर पर्यटक ताल के प्राकृतिक वातावरण का लुत्फ उठा सकेंगे।

जल निगम लगाएगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

ताल में एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की योजना है, जिसके संचालन की जिम्मेदारी जल निगम की होगी। ताल में कलरफुल म्यूजिक वाटर फाउंटेन भी लगाए जाएंगे, जिससे शाम ढलते ही ताल की सुंदरता में चार चांद लग जाए। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन और मार्गदर्शन में चिलुआताल को पर्यटन केंद्र में विकसित करने की योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। डीपीआर भी तैयार कराया जा रहा है। पूरी कोशिश है कि एक से दो महीने के अंदर कार्य शुरू करा दिया जाए, जिससे नए वर्ष की शुरुआत में ही इसे लोकार्पित कराया जा सके।

Edited By: Satish Chand Shukla