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Nepal News: बैकफुट पर आाई ओली सरकार, विवादित पुस्तक के वितरण पर रोक

Nepal News पाठ्यचर्या विकास केंद्र ने नेपाल को भूभाग र सीमा संबंधी स्वाध्याय सामग्री पुस्तक की 500 प्रतियां प्रकाशित की हैं। पुस्तक में कालापानी लिपियाधुरा व लिपुलेख समेत 542 किमी भारतीय भूभाग को नेपाल का बताया गया था। जिसका खुलकर विरोध हुआ।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 10:28 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 10:28 AM (IST)
Nepal News: बैकफुट पर आाई ओली सरकार, विवादित पुस्तक के वितरण पर रोक
नेपाल को भूभाग र सीमा संबंधी स्वाध्याय सामग्री नामक विवादित पुस्‍तक।

विश्वदीपक त्रिपाठी, महराजगंज।  नेपाल के नए नक्शे को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए प्रकाशित पुस्तक के वितरण पर ओली सरकार ने रोक लगा दी है। विभिन्न मंत्रालयों द्वारा इस पुस्तक के तथ्यों पर आपत्ति जताई गई थी, जिसके बाद सरकार ने पुस्तक के वितरण पर रोक लगाने का निर्णय लिया। सरकार के निर्णय की जानकारी देते हुए ऊर्जा राज्यमंत्री वर्षमान पुन ने बताया कि पाठ्यचर्चा विकास केंद्र द्वारा प्रकााशित पुस्तक कूटनीतिक मापदंडों के अनुरूप नहीं है।

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इन मंत्रालयों ने भी जताई है आपत्ति

नेपाल के विदेश मंत्रालय, भूमि प्रबंध मंत्रालय, सहकारिता और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने पुस्तक में वर्णित विवरणों पर आपत्ति जताई है। इन मंत्रालयों के मुताबिक भारत-नेपाल, भारत-चीन व नेपाल की सीमा के अन्तर्गत घटित घटनाओं की तारीखों में त्रुटियां हैं। ऊर्जा राज्यमंत्री के मुताबिक नेपाल सरकार द्वारा जारी नक्शे में देश का कुल क्षेत्रफल 147183 वर्ग किमी था। लेकिन पुस्तक में शामिल नक्शे में यह क्षेत्रफल 147516 वर्ग किमी बताया गया है।

पुस्तक की 500 प्रतियों का हुआ है प्रकाशन

पाठ्यचर्या विकास केंद्र ने ''नेपाल को भूभाग सीमा संबंधी स्वाध्याय सामग्री'' पुस्तक की 500 प्रतियां प्रकाशित की हैं। इसका अनावरण बीते दिनों शिक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने किया था। पुस्तक में कालापानी, लिपियाधुरा व लिपुलेख समेत 542 किमी भारतीय भूभाग को नेपाल का बताया गया था। पाठ्यक्रम में इस पुस्तक को शामिल किए जाने का वहां के विपक्षी दलों समेत मधेशी नेताओं ने कड़ा विरोध किया था। इसके बाद नेपाल सरकार को बैकफुट पर आते हुए पुस्तक वितरण पर रोक लगाने का निर्णय लेना पड़ा।


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