प्रगाढ़ होंगे भारत-नेपाल संबंध, बढ़ेगी मैत्री बसों की संख्या
नेपाल सरकार ने भारत-नेपाल मैत्री बसों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। नेपाल के यातायात विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक इस पर दोनों देशों के अधिकारियों में सहमति भी बन चुकी है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। भारत-नेपाल के बीच चलने वाली मैत्री बसों की संख्या बढ़ेगी। दोनों देशों ने इस कवायद पर मुहर लगा दी है। यह जानकारी नेपाल के यातायात व पर्यटन विभाग के प्रवक्ता गोकर्ण प्रसाद उपाध्याय ने मंगलवार को नेपाल के काडमांडू में पत्रकारों को दी।
नेपाली मीडिया द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक गोकर्ण प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि भारत-नेपाल मैत्री की कुल 10 रूटों पर बसें चलेंगी। भारत की राजधानी नई दिल्ली में पिछले दिनों दोनों देशों के उच्च पदेन अधिकारियों ने रूट मैप का खांका तैयार कर लिया है। बसों के लिए 22 ट्रैवेल कंपनियों से अनुबंध का काम भी पूरा हो चुका है। प्रति कंपनी की कितनी बसें चलेंगी? इसी के निर्धारण की प्रकिया लंबित है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बहुत जल्द दी इस योजना को अमलीजामा पहना दिया जाएगा।
इन रूटों पर बस चलाने की बन चुकी है सहमति
गोकर्ण प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि पटना से जनकपुर, बोध गया से काठमांडू और नेपालगंज से दिल्ली, सिलीगुड़ी से काठमांडू के बीच भी बस चलाए जाने को लेकर भी दोनों पक्षों ने रजामंदी हो गई है। इसके अलावा नेपाल के शहरों को बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से जोड़ने के लिए यात्रियों की संख्या को देखते हुए विचार-विमर्श किया जा रहा है।
इस समय यह है मैत्री बसों का रुट
मौजूदा समय में नेपाल और भारत के बीच दिल्ली से काठमांडू के साथ पोखरा और महेंद्र नगर के लिए बस चलाई जा रही हैं। साथ ही वाराणसी से काठमांडू के लिए भी बस सेवा का संचालन किया जाता है। अभी कुछ माह पूर्व नेपाल के जनकपुर से अयोध्या के लिए एक बस संचलन शुरू किया गया था। जो कि अभी नियमित रुप नहीं ले पाया है।