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Cbse board: अब चेहरा दिखाकर डिजिलाकर से अंकपत्र ले सकेंगे छात्र

वर्तमान में जनपद में 113 स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता मिली है। ऐसे में यहां के लगभग 40 हजार छात्र इससे सीधे लाभान्वित होंगे। इस तकनीक के जरिये छात्र अपना चेहरा दिखाएंगे। सिस्टम छात्र के चेहरे को एडमिट कार्ड के फोटो से तुरंत मिलान कर लेगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 09:59 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 09:59 AM (IST)
Cbse board: अब चेहरा दिखाकर डिजिलाकर से अंकपत्र ले सकेंगे छात्र
केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के दसवीं और बारहवीं के छात्र अब अपना चेहरा दिखाकर डिजिटल लाकर से अंकपत्र और प्रमाण पत्र निकाल सकेंगे। इसके लिए बोर्ड ने फेशियल रिकाग्निशन तकनीक शुरू किया है। इसके जरिये छात्र अब अपना चेहरा दिखाकर डिजिटल लाकर खोल सकेंगे। अभी तक पासवर्ड डालकर डिजिटल लाकर से छात्र-छात्राएं अपना अंकपत्र व प्रमाणपत्र देख और निकाल सकते थे। पहले कई बार छात्र अपना पासवर्ड और मोबाइल नंबर भूल जाते थे, जिनसे उन्हें काफी परेशानी होती थी। बोर्ड की इस नई व्यवस्था से छात्रों की यह परेशानी दूर हो गई है।

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सीबीएसई ने शुरू की फेशियल रिकाग्निशन तकनीक

वर्तमान में जनपद में 113 स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता मिली है। ऐसे में यहां के लगभग 40 हजार छात्र इससे सीधे लाभान्वित होंगे। इस तकनीक के जरिये छात्र अपना चेहरा दिखाएंगे। सिस्टम छात्र के चेहरे को एडमिट कार्ड के फोटो से तुरंत मिलान कर लेगा, जिसके बाद छात्र आसानी से अपना डिजिटल लाकर खोल पाएंगे। सीबीएसई की यह सुविधा देश-विदेश में रहने वाला कोई भी छात्र उठा सकता है। गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय शाही ने बताया कि बोर्ड महाविद्यालयों की डिग्रियां भी डिजिटल लाकर पर अपलोड करने की दिशा में कार्य कर रहा है। इसके लिए छात्र काे अपना पिछला रोल नंबर जो महाविद्यालय में नामांकन कराते वक्त दर्ज कराया जाता उसके जरिये अब डिजिटल लाकर पर सभी छात्रों के सारे शैक्षिक प्रमाण पत्र उपलब्ध रहेंगे। इसके लिए उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा।

जनपद में बोर्ड के चालीस हजार छात्र होंगे लाभान्वित

सीबीएसई के जिला समन्वयक अजीत दीक्षित का कहना है कि सीबीएसई की इस नई सुविधा से जनपद के 40 हजार छात्रों को फायदा होगा। कई बार छात्र अपना पासवर्ड भूल जाते हैं और इसके कारण वे अपना डिजिटल लाकर का उपयोग करना छोड़ देते हैं। बोर्ड की इस नई व्यवस्था से उन्हें काफी मदद मिलेगी।


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