अब प्रोसेसर और मोबाइल भी बनाएंगे MMMUT के मेधावी Gorakhpur News
MMMUT आर्म सेंटर ऑफ एक्सिलेंस एवं इनोवेशन सेंटर बनाने जा रहा है जिसमें छात्रों को बाजार की मांग पर खरा उतरने के लिए तीन वर्ष का अतिरिक्त कोर्स करने का अवसर मिलेगा। इनमें कंप्यूटर प्रोसेसर और मोबाइल आपरेटिंग सिस्टम बनाने का कोर्स भी शामिल है।
गोरखपुर, जेएनएन। मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग विश्वविद्याल अपने कंप्यूटर, इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों को बाजार के मुताबिक तैयार करने के लिए एक बड़ी पहल करने जा रहा है। विश्वविद्यालय तीन करोड़ की लागत से आर्म सेंटर आॅफ एक्सिलेंस एवं इनोवेशन सेंटर बनाने जा रहा है, जिसमें छात्रों को बाजार की मांग पर खरा उतरने के लिए तीन वर्ष का अतिरिक्त कोर्स करने का अवसर मिलेगा। इनमें कंप्यूटर प्रोसेसर और मोबाइल आपरेटिंग सिस्टम बनाने का कोर्स भी शामिल है। विश्वविद्यालय इसे लेकर ब्रिटेन के कैंब्रिज की आर्म लिमिटेड कंपनी के साथ जल्द करार करने जा रहा है।
इस सेंटर जो कोर्स चलाए जाएंगे, इसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है। इन कोर्स को छात्र अपने इंजीनियरिंग कोर्स के दूसरे वर्ष से साथ-साथ कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए जेएसएस काॅलेज नोएडा के असिस्टेंट प्रोफेसर संपथ कुमार को नोडल आफिसर बनाया गया है। संपथ कुमार ने बताया कि करार होने के बाद सेंटर को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नए पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों को आनलाइन प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए आर्म लिमिटेड के मुख्यालय कैंब्रिज से प्रशिक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा। जरूरत पड़ने को प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों को कैंब्रिज भी भेजा जाएगा। प्रशिक्षित शिक्षक ही नए पाठ्यक्रमों की फेकेल्टी बनेंगे।
उत्तर भारत का पहला और देश का चौथा होगा यह सेंटर
नोडल अधिकारी ने बताया कि इससे पहले विश्वेसरैया टेक्निकल यूनिवर्सिटी बैंगलुरू, जवाहरलाल नेहरू टेक्निकल यूनिवसिटी हैदराबाद, अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई में यह आर्म इनोवेशन सेंटर स्थापित हो चुका है। एमएमएमयूटी उत्तर भारत का पहला तकनीकी विश्वविद्यालय होगा, जहां इसकी स्थापना की जा रही है।
सेंटर से संचालित होंगे यह कोर्स
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
इंटरनेट आफ थिंग्स
मोबाइल टेक्नोलाजी
फाइव-जी नेटवर्किंग
स्मार्ट सिटी, स्मार्ट होम और स्मार्ट मोबाइल
आटोमोटिव इलेक्ट्रानिक्स
कंडक्टर डिवाइसेज।
केवल परंपरागत कोर्स से वर्तमान में बाजार की मांग पूरी नहीं हो रही। ऐसे छात्रों को बाजार के मुताबिक तैयार करने के लिए इन अतिरिक्त पाठ्यक्रमों को शुरू किया जा रहा है। इससे छात्रों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही पैकेज भी बेहतर मिलेगा। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपतिमदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय