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गोरखपुर मेडिकल कालेज में अब सिर्फ एक बार पर्चा बनवाइए, दोबारा की जरूरत नहीं

प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि आनलाइन इलाज की व्यवस्था तो शुरू हो चुकी है। लेकिन अब कालेज प्रशासन ने मरीजों का स्थायी पंजीकरण कार्ड बनाने का निर्णय लिया है। इससे मरीजों को भी लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। पर्ची काउंटर पर भीड़ भी कम हो जाएगी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 06:21 PM (IST)
गोरखपुर मेडिकल कालेज में अब सिर्फ एक बार पर्चा बनवाइए, दोबारा की जरूरत नहीं
बीआरडी मेडिकल कालेज का फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज की व्यवस्था अब एम्स की तरह होगी। मरीजों का स्थायी पंजीकरण कार्ड बनाया जाएगा। उस पर बार कोड होगा। काउंटर पर उसे स्कैन कर तुरंत पर्चा बना दिया जाएगा। इससे मरीजों को लंबी लाइन लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही इलाज की पूरी व्यवस्था आनलाइन की जा रही है।

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पर्चा बनाने में लगता है काफी समय

मेडिकल कालेज के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में सामान्य दिनों में लगभग तीन हजार मरीज पहुंचते हैं। सुबह आठ बजे से ही पर्चा काउंटर पर मरीजों की लाइन लग जाती है। एक-एक मरीज का नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर पूछकर कंप्यूटर में फीड करने में समय लगता है। इसलिए लाइन लंबी होती जाती है। पंजीकरण कार्ड में बार कोड रहेगा जिसमें मरीज के बारे में पूरी जानकारी रहेगी। इसलिए उससे कुछ पूछना नहीं होगा, सिर्फ एक रुपये शुल्क लेकर तुरंत पर्चा बना दिया जाएगा। पर्चा भी संबंधित डाक्टर अपने कंप्यूटर पर खोल लेंगे और दवा भी उसी में फीड कर देंगे। पर्चा प्रिंट कर मरीज को भी दे दिया जाएगा।

मरीज को नया पर्चा बनवाने की जरूरत नहीं

इस तरह से मरीज को कभी भी नया पर्चा बनवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जब भी मरीज पहुंचेगा तो उसकी पूरी हिस्ट्री डाक्टर के पास रहेगी। उसे क्या मर्ज है और कौन-कौन सी दवा चली है, सब कंप्यूटर में उपलब्ध रहेगा, केवल मरीज के पंजीकरण का नंबर डालना होगा, उसी पूरी हिस्ट्री सामने आ जाएगी।

पर्ची काउंटर पर कम होगी भीड़

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि आनलाइन इलाज की व्यवस्था तो शुरू हो चुकी है। लेकिन अब कालेज प्रशासन ने मरीजों का स्थायी पंजीकरण कार्ड बनाने का निर्णय लिया है। इससे मरीजों को भी लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। पर्ची काउंटर पर भीड़ भी कम हो जाएगी। अभी मरीज का पर्चा बनाने में एक से दो मिनट लगते हैं। पंजीकरण कार्ड होने से एक मिनट में एक से अधिक मरीजों का पर्चा बन जाएगा, क्योंकि केवल बार कोड स्कैन करना होगा।


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