अब फिट नावें ही चलेंगी नदी की लहरों पर
कुशीनगर जिला प्रशासन ने नारायणी नदी में नाव संचालन के लिए नियम निर्धारित कर दिया है अब नाविकों को देनी होगी फिटनेस बिना प्रमाण पत्र के नारायणी में नहीं उतार सकेंगे नाव इसके लिए गांव से तहसील स्तर तक गठित समिति लेगी निर्णय संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासन ने शुरू की सख्ती।
कुशीनगर : मानूसन सत्र शुरू होने के पूर्व बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां को लेकर सख्ती शुरू हो गई हैं। बाढ़ के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर सतर्क प्रशासन ने नावों की फिटनेस मांगी है। इससे साफ हो गया है कि अब नदी की लहरों पर केवल फिट नावें ही दौड़ेंगी। बिना प्रमाण पत्र के नाव नारायणी या छोटी गंडक नदी में नहीं उतर सकेगी। प्रशासन ऐसे नाविकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगा।
बाढ़ प्रभावित तहसील तमकुहीराज, खड्डा, हाटा, कसया, कप्तानगंज व हाटा के एसडीम को क्षेत्र की नदियों में चलने वाले नावों से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध करानी होगी। तहसील प्रशासन ने जनपद की कुल 179 नावों के बारे में संबंधित घाटों के गांवों के प्रधान व लेखपालों को लगाया है, जो सत्यापन कर तहसील को रिपोर्ट मुहैया कराएंगे, जहां से सूची जिले पर भेजी जाएगी। फिटनेस के लिए नाविकों को संबंधित प्रोफार्मा पर स्व-प्रमाणित प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
यह देनी होगी सूचना
प्रोफार्मा पर नाविकों को अपना नाम, नाव के मालिक, मोबाइल नंबर, निर्माण वर्ष, लंबाई, चौड़ाई, गहराई व वजन अंकित करना होगा, तो भार क्षमता, यात्रियों की संख्या, नाव पर क्षमता लोड लाइन पेंट, क्षतिग्रस्त तो नहीं, नाविक दक्ष है अथवा नहीं, नाव की वर्तमान स्थिति भरना होगा।
कुशीनगर में नावों की संख्या
तहसील -बड़ी- मझोली- छोटी
पडरौना - शून्य- शून्य- 7
कसया -छह-दो- शून्य
हाटा - शून्य-11-शून्य
तमकुहीराज -शून्य-शून्य-64
कप्तानगंज -शून्य-दो-10
खड्डा - 27-25-25
एसडीएम देवी दयाल वर्मा ने बताय कि बिना फिटनेस स्व प्रमाण पत्र के कोई भी नाव नदी में नहीं उतरेगी। इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। नाव से संबंधित घटनाएं जहां-जहां अधिक होती हैं, वहां के साथ बाकी स्थानों के नावों के सर्वे का पूरा विवरण तहसील व जिले पर मौजूद रहेगा। नौका परिवहन के लिए स्थान चिह्नित किए जाएंगे। नावों पर लाइफ सेविग किट अनिवार्य रूप से रखी जाए।