Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Railway News: बदल जाएगी रेल यात्रा की तस्वीर, एनईआर में अब सवारी गाड़ी और डेमू की जगह सिर्फ मेमू ट्रेन चलेगी

    पूर्वोत्तर रेलवे में के 90 प्रतिशत मार्गों का विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के बाद अब यहां लोकल ट्रेनों (passenger train) और डेमू (MEMU) की जगह मेमू (MEMU) ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेलवे प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

    By JagranEdited By: Pradeep SrivastavaUpdated: Sun, 25 Sep 2022 07:03 AM (IST)
    Hero Image
    एनईआर में अब डेमू की जगह केवल मेमू ट्रेनें ही चलेंगी। - प्रतीकात्मक तस्वीर

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वोत्तर रेलवे में सवारी गाड़ी (पैसेंजर ट्रेन) और डेमू (डीजल इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) की जगह अब सिर्फ मेमू (मेन लाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) ट्रेनें चलाई जाएंगी। 90 प्रतिशत मार्गों का विद्युतीकरण होने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) ने 80 मेमू ट्रेन चलाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। रेलवे प्रशासन के प्रस्ताव पर बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को सीसी कैमरे से युक्त एक मेमू ट्रेन का रेक उपलब्ध करा दिया है, जिसकी जांच औड़िहार स्थित शेड में की जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्वोत्तर रेलवे को मिली है एक नई मेमू ट्रेन, गोरखपुर-भटनी-छपरा-औड़िहार मार्ग पर चलाने की तैयारी

    मेमू ट्रेन की नई रेक का रूट अभी निर्धारित नहीं है, लेकिन रेलवे प्रशासन गोरखपुर-भटनी-छपरा-औड़िहार मार्ग पर लिंक तैयार कर रहा है। ताकि इस रेक की धुलाई-सफाई और मरम्मत आदि औड़िहार शेड में किया जा सके। पूर्वोत्तर रेलवे में अभी सिर्फ औड़िहार शेड में ही डेमू और मेमू ट्रेनों की मरम्मत होती है। गोरखपुर जंक्शन के आसपास शेड बनाने की भी योजना चल रही है। इसके लिए सर्वे किया गया है, लेकिन अभी तक स्थल चिन्हित नहीं हो पाया है।

    90 प्रतिशत मार्गों का विद्युतीकरण होने के बाद एनईआर ने तैयार किया 80 मेमू चलाने का प्रस्ताव

    वर्ष 2019 से पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल स्थित बलिया-प्रयागराज रामबाग, मऊ-प्रयागराज रामबाग, गाजीपुर-प्रयागराज संगम तथा वाराणसी सिटी-भटनी रेल खंड पर कुल चार मेमू ट्रेनें चल रही हैं। धीरे-धीरे गोरखपुर सहित लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के सभी रूटों पर मेमू चलने लगेंगी। वैसे भी रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2023 तक सभी रेलमार्गों का विद्युतीकरण पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यहां जान लें कि पूर्वोत्तर रेलवे में 85 पैसेंजर सहित लगभग 125 ट्रेनें संचालित हैं। पैसेंजर ट्रेनों में पुराने (आइसीएफ) कोच ही लगते हैं। भारतीय रेलवे में आइसीएफ कोच का निर्माण बंद हो गया है। उनकी जगह ट्रेनों में आधुनिक लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोच ही लग रहे हैं।

    बढ़ेगी रफ्तार, होगी समय की बचत

    मेमू ट्रेनें 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं।

    मेमू ट्रेन के आगे और पीछे दोनों तरफ इंजन होता है।

    स्टेशनों पर नहीं बदलना पड़ता है ट्रेन का इंजन।

    चलने के साथ ही रफ्तार पकड़ लेती है यह ट्रेन।

    समय की होती है बचत, लाइन की बढ़ती है क्षमता।

    डीजल की बचत के साथ संरक्षित होता है पर्यावरण।

    सप्ताह में एक दिन होती है धुलाई-सफाई व मरम्मत।