Gorakhpur Coronavirus Update News: गोरखपुर में अब कोई भी प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों की कर सकता है इलाज, सिर्फ सरकारी दर पर
Gorakhpur Coronavirus Update News सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा है कि निजी अस्पतालों को न केवल भर्ती मरीजों की संख्या के बारे में नियमित तौर पर जानकारी देनी है बल्कि उपलब्ध बेड एवं खाली बेड के बारे में भी सूचना देनी होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले में कोविड के इलाज के लिए अधिकृत निजी अस्पतालों के अलावा कोई भी निजी अस्पताल कोरोना के मरीज को भर्ती कर इलाज कर सकता है लेकिन इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को देना अनिवार्य होगा। मरीज का इलाज शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही करना है। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा है कि निजी अस्पतालों को न केवल भर्ती मरीजों की संख्या के बारे में नियमित तौर पर जानकारी देनी है, बल्कि उपलब्ध बेड एवं खाली बेड के बारे में भी सूचना देनी होगी। ऐसा करना इसलिए आवश्यक है ताकि हर जरूरतमंद मरीज को अस्पताल की सुविधा मिल सके और जिले के निजी अस्पतालों में भर्ती सभी मरीजों के सापेक्ष आवश्यक संसाधनों का प्रबंध हो सके।
सरकारी दर पर ही इलाज करना अनिवार्य
उन्होंने कहा कि ऐसा संज्ञान में आ रहा है कि कुछ निजी अस्पताल कोविड मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज तो कर रहे हैं लेकिन इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे हैं। इससे कांटैक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग और सर्विलांस की गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ता है जिससे कोविड की चेन ब्रेक करने में बाधा उत्पन्न होगी। कोविड जैसी महामारी का नोटिफिकेशन अनिवार्य है। शासन की मंशा है कि किसी भी अस्पताल से कोई कोविड का मरीज वापस न किया जाए। ऐसे में अगर किसी निजी अस्पताल की जांच में कोई कोविड मरीज निकलता है और उसके पास मरीज के इलाज की क्षमता है तो उसे वापस नहीं करना है। मरीज को भर्ती कर इलाज की सुविधा देनी है लेकिन इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को भी देना अनिवार्य है। मरीज का इलाज निर्धारित सरकारी दर पर ही करना है। जो लोग ऐसा नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
बीमारी को छिपाएं नहीं
सीएमओ ने लोगों से यह भी अपील की है कि रैपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) का पूरा सहयोग करें। अगर किसी को कोरोना है तो उसे छिपाना नहीं है बल्कि चिकित्सक के परामर्श से इलाज करवाना है। उन्होंने बताया कि जिले में डोर टू डोर सर्विलांस गतिविधियां चल रही हैं। ऐसे में अगर सर्विलांस टीम किसी से बीमारी के लक्षणों के बारे में बात करे तो उसे सही जानकारी दें। आवश्यक हो तो एंटीजन जांच भी कराएं। जांच, निगरानी और इलाज के माध्यम से ही कोरोना की चेन ब्रेक होगी।