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कर्मचारियों को बोनस न देने पर 250 अस्पतालों व भट्ठा मालिकों को नोटिस Gorakhpur News

कर्मचारियों को बोनस न देने पर श्रम विभाग ने गोरखपुर के 50 अस्पतालों व भट्ठा मालिकों को नोटिस जारी किया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 03:38 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 08:48 AM (IST)
कर्मचारियों को बोनस न देने पर 250 अस्पतालों व भट्ठा मालिकों को नोटिस Gorakhpur News
कर्मचारियों को बोनस न देने पर 250 अस्पतालों व भट्ठा मालिकों को नोटिस Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। मंडल के 250 अस्पताल व ईंट भा मालिकों ने अपने कर्मचारियों को बोनस नहीं दिया है। इसे लेकर श्रम विभाग ने 150 अस्पताल व ईंट भा मालिकों को नोटिस भेजी है। 100 को चिन्हित किया है। जल्द ही उन्हें भी नोटिस भेजी जाएगी। बोनस अधिनियम के तहत किसी भी संस्थान में यदि 10 अथवा उससे अधिक व्यक्ति काम करते हैं तो वहां यह अधिनियम लागू होगा। इस नियम के तहत संबंधित संस्थान को वित्तीय वर्ष के नवंबर माह तक बोनस देना होता है। नवंबर माह के बाद में उसकी सूचना श्रम विभाग के पास भेजनी होती है।

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बोनस के रूप में एक माह का मिलता है वेतन

मंडल में कुल 106254 श्रमिक पंजीकृत हैं। इनमें से अधिकांश किसी न किसी प्रतिष्ठान पर कार्यरत हैं। इनमें से 250  अस्पताल व भे पर काम करने वाले श्रमिकों को बोनस नहीं मिल सका है। बोनस के रूप में इन श्रमिकों को एक माह का वेतन दिया जाना होता है। यदि एक संस्थान पर इनकी संख्या न्यूनतम 10 भी मानी जाए तो इनकी संख्या करीब 2500 होगी, लेकिन भट्ठे पर अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। वहां 60 से 100 की संख्या में श्रमिक काम करते हैं। ऐसे ही अस्पतालों पर मरीजों की सहायता व अन्य छोटे-मोटे कार्यों को लेकर वहां भी करीब 30 से 40 की संख्या में कर्मचारी होते हैं।

अभी प्रतिष्ठान स्वामियों को नोटिस भेजी गई है। इसके बावजूद भी यदि प्रतिष्ठान स्वामी कर्मचारियों को बोनस नहीं दिया जाता है तो वहां का निरीक्षण करके मुख्यालय कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाती है। - एके सिंह, उप श्रमायुक्त।

किस जिले में कितने मजदूर हैं पंजीकृत

गोरखपुर- 43117

देवरिया- 20470

कुशीनगर- 12501

महाराजगंज- 30166

यहां अधिकांश फर्मों पर नहीं मिलता है बोनस

मंडल ऐसे फर्मों की संख्या हजारों में जिनका श्रम विभाग में पंजीयन ही नहीं है। बिना पंजीयन के ही यह संस्थान कर्मचारियों से काम कराते हंै और उन्हें समय पर बोनस भी नहीं देते हैं। श्रम विभाग आगे इस पर भी ध्यान देगा कि कहां 10 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे हैं और अभी तक उनका पंजीयन नहीं है। जिले में रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा, कपड़े की दुकान, कपड़े की दुकान, मोबाइल की दुकान भी इसमें शामिल हैं।


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