कुशीनगर से 753 शिक्षकों का किया गया गैर जनपद स्थानांतरण Gorakhpur News
शिक्षकों की कमी बुनियादी शिक्षा व्यवस्था पर भारी पड़ रही है। पिछड़े इस जिले में कई विद्यालयों पर जहां ताला लटक रहा है वहीं सैकड़ों एकल संचालित हो रहे हैं। बीते दिनों हुई शिक्षक भर्ती से भी जिले की व्यवस्था में बदलाव नहीं दिख रहा है।
प्रद्युम्न कुमार शुक्ल, गोरखपुर : शिक्षकों की कमी बुनियादी शिक्षा व्यवस्था पर भारी पड़ रही है। पिछड़े इस जिले में कई विद्यालयों पर जहां ताला लटक रहा है, वहीं सैकड़ों एकल संचालित हो रहे हैं। बीते दिनों हुई शिक्षक भर्ती से भी जिले की व्यवस्था में बदलाव नहीं दिख रहा है। इसके पीछे प्रमुख कारण अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत यहां से बड़ी संख्या में शिक्षकों का हुआ स्थानांतरण है। इसके बाद स्थिति और भी चिंताजनक बन गई है। शासन के निर्देश पर जनवरी, 2021 में हुए अंतरजनपदीय स्थानांतरण के बाद परिषदीय स्कूलों की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है।
शिक्षकों की कमी से पठन-पाठन हुआ प्रभावित
शिक्षकों की कमी के चलते पठन-पाठन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। 10 फरवरी से जूनियर स्कूलों के खुलने के बाद स्कूलों में शिक्षकों की कमी साफ दिख रही है। विद्यालय आए बच्चे शिक्षकों के इंतजार में बैठे रह रहे हैं।
753 शिक्षकों का हुआ गैर जनपद स्थानांतरण
आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी में यहां से 753 शिक्षकों का गैर जनपद स्थानांतरण हुआ, जबकि दूसरे जिलों से यहां सिर्फ 68 शिक्षक ही आए। इन शिक्षकों में भी महज 54 शिक्षक ही स्कूल आवंटन के लिए उपस्थित हुए और उन्हें तैनाती मिली। लगभग यही स्थिति पूर्व में हुए अंतरजनपदीय स्थानांतरण में भी रही। हर बार जाने वाले शिक्षकों की संख्या के करीब 10 फीसद शिक्षक भी जिले में नहीं आते, जिससे शिक्षकों की कमी जिले में हमेशा बनी रही। इन परिस्थतियों में शिक्षकों की कमी आखिर कैसे दूर हो पाएगी यह बड़ा सवाल है।
हर बार रही यही स्थिति
वर्ष-गए-आए
2012-100-शून्य
2013-600-60
2016-1200-90
2018-800-225
बंद विद्यालय
प्रावि झुंगवा, कसया
प्रावि शिवराजी पट्टी
प्रावि भिसवा सरकारी, पडरौना सहित एक दर्जन विद्यालय शिक्षकों की कमी के चलते बंद हैं।
जिले में हैं 2464 स्कूल
-जूनियर-286
-कंपोजिट-538
-प्राथमिक 1640
यह है शिक्षकों की संख्या
विभाग के अनुसार मौजूदा समय में जिले में 7700 शिक्षकों की तैनाती है।
शिक्षकों की कमी बड़ी समस्या
कुशीनगर के बीएसए विमलेश कुमार ने बताया कि शिक्षकों की कमी बड़ी समस्या है। इससे शासन को अवगत करा दिया गया है। मौजूद संसाधनों में बेहतर करने की कोशिश की जा रही है। बंद पड़े विद्यालयों में शीघ्र ही शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।