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गोरखपुर के नौ गांव बनेंगे मॉडल, राज्य स्तरीय कमेटी ने किया अनुमोदित

गोरखपुर के मॉडल गांवों में उच्‍च प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास गांव में ओवर हेड टैंक का निर्माण ओपेन जिम खेल का मैदान बनाने जैसे काम अनिवार्य रूप से करने होंगे। सीसी सड़क इंटरलाकिंग सड़क एवं खडंज़ा के निर्माण पर भी जोर है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 12:16 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 12:16 PM (IST)
गोरखपुर के नौ गांव बनेंगे मॉडल, राज्य स्तरीय कमेटी ने किया अनुमोदित
गोरखपुर में बनने वाले मॉडल गांवों की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

गोरखपुर, जेएनएन। जिले के नौ गांवों को मॉडल बनाने के लिए भेजी गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को राज्य स्तरीय कमेटी ने हरी झंडी दे दी है। इन गांवों में अब विकास कार्य शुरू हो सकेंगे। कुछ गांवों के डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने शेष 28 गांवों में भी एक सप्ताह के भीतर डीपीआर तैयार कर राज्य स्तरीय कमेटी को भेजने को कहा है। विकास के ये कार्य परफार्मेंस ग्रांट से कराए जाएंगे।

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37 गांवों को 296 करोड़ आवंटित

जिले की 37 ग्राम पंचायतों को वर्ष 2016-17 की परफार्मेंस ग्रांट के रूप में 296.51 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।  विकास भवन के मनरेगा सभागार में संपन्न बैठक को संबोधित करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि वे डीपीआर में देख ले कि उनके विद्यालयों को कायाकल्प के अंतर्गत शामिल किया गया है या नहीं। उन्होंने अन्य विभागों के अधिकारियों को भी उनके विभागों से जुड़े कार्य के बारे में जानकारी लेने का निर्देश दिया।

इन गांवों का डीपीआर हुआ मंजूर

डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि पिपरौली ब्लाक के जंगल दीर्घन सिंह एवं भौवापार, उरुवा के नरायनपुर एवं सिसवा उर्फ सिउवा, बेलघाट ब्लाक के नकौड़ी खास, सहजनवा ब्लाक के भीमापार, खोराबार की ग्राम पंचायत छितौना, पाली ब्लाक की ग्राम पंचायत नारंग पट्टी एवं नेवास की डीपीआर को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

दोबारा बना रहे डीपीआर

सभी ग्राम पंचायतों ने पहले डीपीआर बना लिया था। लेकिन यह डीपीआर ग्राम पंचायतों को मिली 50-50 लाख रुपये की प्रथम किस्त के आधार पर बनाई गई थी। अब निर्देश है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत सम्पूर्ण ग्रांट के आधार पर डीपीआर बनाए। उन्हेंं जिला स्तरीय कमेटी में मंजूरी के बाद राज्य स्तरीय कमेटी में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

ये होंगे विकास कार्य

उच्‍च प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, गांव में ओवर हेड टैंक का निर्माण, ओपेन जिम, खेल का मैदान बनाने जैसे काम अनिवार्य रूप से करने होंगे। इसके अलावा सीसी सड़क, इंटरलाकिंग सड़क एवं खडंज़ा के निर्माण पर भी जोर है।

क्या है परफार्मेंस ग्रांट

अपनी परिसंपत्तियों जैसे दुकान, तालाब का पट्टा, बाजार आदि से धन अर्जित करने वाली ग्राम पंचायतें परफार्मेंस ग्रांट हासिल करने की पात्र होती हैं। केंद्र सरकार की ओर से 14वें वित्त के तहत यह ग्रांट मुहैया कराई जाती है।


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