सरकारी भूमि पर ले लिया चार करोड़ का मुआवजा
मलांव गांव के काश्तकार ने सरकारी जमीन को पहले अपने नाम कराया फिर उसपर लोन पास करा लिया।
By Edited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 02:17 AM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 03:27 PM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। गोरखपुर के मलांव गांव के काश्तकार ने सरकारी जमीन को पहले अपने नाम कराया और इसके बाद उसी जमीन को फोरलेन में अधिग्रहण होने पर सरकार को बेचकर चार करोड़ रुपये का मुआवजा ले लिया। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन से हुई शिकायत के बाद उनके निर्देश पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल की जांच में मामला सही पाया गया। इस पूरी कारस्तानी में लेखपाल और काननूगो ने उसका साथ दिया।
दर्ज हुआ मुकदमा
मामला उजागर होने के बाद एडीएम के निर्देश पर तहसीलदार बांसगांव ने तीनों के खिलाफ बांसगांव थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। तहसीलदार की तरफ से दी गई तहरीर के मुताबिक कसिहार-कौड़ीराम के बीच मलांव ग्राम सभा का गाटा संख्या 1534, 1572, 1570क राजस्व अभिलेख में राजकीय संपत्ति के रूप में दर्ज रहा है। यह गाटा संख्या वर्तमान समय में एनएच 29 पर हो रहे चौड़ीकरण व फोरलेन निर्माण में प्रभावित हो रहा है। एडीएम एफआर की जांच रिपोर्ट के मुताबिक बेलीपार थाना क्षेत्र के मलांव गांव निवासी हरिकृष्ण गुप्ता निवासी मलांव ने राजस्व अभिलेखों में जालसाजी और कूटरचना कराते हुए गाटा संख्या 1534, 1572, 1570क को अपने नाम से कराते हुए चार करोड़ रुपये का मुआवजा ले लिया।
कर्मचारियों की भी मिलीभगत
जांच आख्या में बताया गया है कि इस काम में बांसगांव में तैनात लेखपाल अनिल कुमार गौतम, रजिस्ट्रार कानूनगो विजय ने गलत आख्या लगाते हुए राजस्व अभिलेखों में कूटरचना कर लाभ प्राप्त किया। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल एवं बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी की संयुक्त जांच में हरिकृष्ण गुप्ता, लेखपाल अनिल कुमार गौतम, कानूनगो विजय दोषी पाए गए, जिसके आधार पर तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इस संबंध में थानाध्यक्ष बांसगांव ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन, फर्जी दस्तावेज तैयार करने आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विवेचना के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दर्ज हुआ मुकदमा
मामला उजागर होने के बाद एडीएम के निर्देश पर तहसीलदार बांसगांव ने तीनों के खिलाफ बांसगांव थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। तहसीलदार की तरफ से दी गई तहरीर के मुताबिक कसिहार-कौड़ीराम के बीच मलांव ग्राम सभा का गाटा संख्या 1534, 1572, 1570क राजस्व अभिलेख में राजकीय संपत्ति के रूप में दर्ज रहा है। यह गाटा संख्या वर्तमान समय में एनएच 29 पर हो रहे चौड़ीकरण व फोरलेन निर्माण में प्रभावित हो रहा है। एडीएम एफआर की जांच रिपोर्ट के मुताबिक बेलीपार थाना क्षेत्र के मलांव गांव निवासी हरिकृष्ण गुप्ता निवासी मलांव ने राजस्व अभिलेखों में जालसाजी और कूटरचना कराते हुए गाटा संख्या 1534, 1572, 1570क को अपने नाम से कराते हुए चार करोड़ रुपये का मुआवजा ले लिया।
कर्मचारियों की भी मिलीभगत
जांच आख्या में बताया गया है कि इस काम में बांसगांव में तैनात लेखपाल अनिल कुमार गौतम, रजिस्ट्रार कानूनगो विजय ने गलत आख्या लगाते हुए राजस्व अभिलेखों में कूटरचना कर लाभ प्राप्त किया। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल एवं बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी की संयुक्त जांच में हरिकृष्ण गुप्ता, लेखपाल अनिल कुमार गौतम, कानूनगो विजय दोषी पाए गए, जिसके आधार पर तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इस संबंध में थानाध्यक्ष बांसगांव ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन, फर्जी दस्तावेज तैयार करने आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विवेचना के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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