मिड-डे-मील में लापरवाही पर होंगे निलंबित
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की व्
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करना केंद्र और राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इस काम में लापरवाही मिलने पर प्रधान और प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई तय है। तकरीबन 250 विद्यालयों में भोजन न बनने की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
विकास भवन सभागार में मध्यान्ह भोजन योजना से संबंधित बैठक में जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि मध्यान्ह भोजन योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में बच्चों के नामाकन में वृद्धि, कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को पौष्टिक आहार, सभी जाति-धर्म के छात्र छात्राओं को एक स्थान पर भोजन कराकर सामाजिक समरसता को जागृत करना है। उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि 248 विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन नहीं बन रहा है। डीएम ने बीईओ को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि मिड डे मील के प्रति लापरवाही अक्षम्य है, इसमें सुधार नहीं हुआ तो निलबंन की कार्यवाही तय है। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक बिना बीईओ की अनुमति के विद्यालय नहीं छोड़ेंगे। ऐसा मिला तो प्रधानाध्यापक का वेतन रोक दिया जाएगा। उन्होंने सभी बीईओ को रोजाना कम से कम पांच विद्यालयों का निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट शाम तक प्रस्तुत करने को कहा। पांच से 15 जुलाई तक किताब, बैग व ड्रेस का वितरण हो जाना चाहिए। डीएम ने कहा कि कोई भी विद्यालय जर्जर भवन में न चले। फिलहाल उसकी सूची उपलब्ध कराई, जिससे उसे कहीं शिफ्ट कर दिया जाए। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ उन्होंने सफाई, पेयजल आदि पर भी जोर देने को कहा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुज सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह समेत सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। संचालन जिला समन्वयक मिड डे मील दीपक पटेल ने किया।