नई मशीनें लगाएगा गीताप्रेस, पुस्तकों की गुणवत्ता व उत्पादन की नई कहानी लिखने की तैयारी
छपाई की क्षमता और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में जुटा गीताप्रेस पुरानी मशीनों को हटाकर नई मशीनें लगाएगा। आर्ट पेपर वाली पुस्तकों की बढ़ती मांग और जापान की कोमोरी मशीन के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है।
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी : छपाई की क्षमता और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में जुटा गीताप्रेस पुरानी मशीनों को हटाकर नई मशीनें लगाएगा। आर्ट पेपर वाली पुस्तकों की बढ़ती मांग और जापान की कोमोरी मशीन के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। पुरानी की जगह कौन सी नई मशीन आएगी, इस पर इतना खर्च होगा, यह बोर्ड बैठक में तय किया जाएगा।
गीता प्रेस में नवीनतम तकनीकी का होता है इस्तेमाल
धार्मिक पुस्तकों की बिक्री लागत से भी कम मूल्य पर करने वाले गीताप्रेस में प्रिंटिंग की सबसे नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसी वजह से यहां की पुस्तकों की डिमांड देश ही नहीं पूरी दुनिया में है। इसी क्रम में पिछले दिनों जापान से कोमोरी मशीन मंगाई गई थी। आर्ट पेपर पर चार रंगों में पुस्तकों की छपाई कर रही है। इस मशीन से समय के साथ जगह और मानव श्रम की बचत होती देख प्रबंधन ने अब दूसरी पुरानी मशीनों को भी बदलने का निर्णय लिया है। फिलहाल गीताप्रेस में आफसेट प्रिटिंग की छह जबकि शीटफेड छपाई वाली आठ मशीनें हैं। शीट फेड मशीनों में एक पन्ने पर दोनों तरफ छपाई के लिए दो बार लगाना पड़ता है, जबकि आफसेट मशीनें एक साथ दोनों तरफ छपाई कर देती हैं। पहले चरण में आठ सीटफेड मशीनों को हटाकर दो अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। इससे गुणवत्ता के साथ ही उत्पादन क्षमता भी बढ़ जाएगी।
मानव श्रम की बचत होगी
कोमोरी जैसी एक अत्याधुनिक मशीन चार शीटफेड मशीनों के बराबर काम करती है। दोनों मशीनों में चार-चार कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है। दो अत्याधुनिक मशीनें आ जाने से चार शीटफेड मशीनें हटा दी जाएंगी। इससे जगह खाली होगी, जहां दूसरे काम किए जा सकेंगे। अभी आठ मशीनों को 16 कर्मचारी संचालित करते हैं। नई मशीनें आ जाने से केवल आठ कर्मचारियों से काम चल जाएगा। अन्य कर्मचारियों का उपयोग दूसरे कामों में किया जा सकेगा।
आर्ट पेपर पर छपी पुस्तकों की मांग ज्यादा
गीताप्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल ने कहा कि आर्ट पेपर पर छपी पुस्तकों की मांग ज्यादा है, इसलिए अत्याधुनिक मशीनें लगाने का निर्णय लिया गया है। बोर्ड की बैठक में तय होगा कि कोमोरी ही मंगाई जाए उसी गुणवत्ता की कोई दूसरी मशीन। नई मशीनें आ जाने से छपाई की क्षमता और पुस्तकों की गुणवत्ता बढ़ जाएगी।