गोरखपुर में नया प्रयोग, ग्राम पंचायतों में घरों से कूड़ा एकत्रित करेंगी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं
गोरखपुर मेंं जिले के हर ब्लाक की दो-दो ग्राम पंचायतों को इस काम के लिए चयनित किया गया है। परफार्मेंस ग्रांट पाने वाली 32 ग्राम पंचायतों को भी इसमें शामिल किया गया है। पंचायतों में महिला समूहों को उनकी इच्छा के मुताबिक यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गांवों को साफ सुथरा बनाने में सहयोग करने के साथ महिलाएं आय भी अर्जित करेंगी। तरल एवं ठोस कचरे से खाद बनाने के लिए घर-घर से कूड़ा एकत्र किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी जाएगी। घरेलू कचरे के लिए 50 रुपया जबकि दुकानों से निकलने वाले कचरे के लिए 100 रुपये प्रतिमाह शुल्क दिया जाएगा। जिले के 72 ग्राम पंचायतों में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर लागू की जा रही है।
पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर चयनित किए गए जिले के 72 गांव
जिले के हर ब्लाक की दो-दो ग्राम पंचायतों को इस काम के लिए चयनित किया गया है। परफार्मेंस ग्रांट पाने वाली 32 ग्राम पंचायतों को भी इसमें शामिल किया गया है। ग्राम पंचायतों में महिला समूहों को उनकी इच्छा के मुताबिक यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके लिए आजीविका मिशन से जुड़ी महिला समूहों को तैयार किया जा रहा है। प्रत्येक महिला समूह की जिम्मेदारी होगी कि वे अपनी ग्राम पंचायत में हर घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करें। इसके लिए उन्हें हाथ गाड़ी भी प्रदान की जाएगी।
घरेलू कचरे के लिए 50 एवं दुकानों से 100 रुपये हर माह मिलेगा शुल्क
पायलट प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए पंचायती राज विभाग की ओर से जागरूकता अभियान संचालित किया जाएगा। हर घर एवं दुकान से मासिक शुल्क निर्धारित होगा। यदि एक से अधिक परिवार की रसोई अलग-अलग होगी तो सभी को 50-50 रुपये दिए जाएंगे। अभियान को सफल बनाने के लिए सफाई कर्मचारी भी महिला समूहों की मदद करेंगे। पंचायती राज विभाग इस काम के लिए ग्रामीणों को जागरूक करेगा। घर-घर से लाए कूड़े को एक जगह एकत्र किया जाएगा और वहां से कंपोस्ट पिट में डालकर उससे जैविक खाद बनाई जाएगी।
खाद भी बनेगा
खाद को बेचकर भी आय अर्जित की जाएगी। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि 72 ग्राम पंचायतों को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। इन गांवों में कूड़ा एकत्र करने की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को दी गई है। इससे महिलाओं की आय भी बढ़ेगी।