परिवादों का शीघ्र निस्तारण कर एनईआर ने बनाया भारतीय स्तर पर रिकार्ड
एक से चार जनवरी के बीच औसत 23 मिनट में समस्याओं का निस्तारण कर भारतीय रेलवे स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है। रेल मदद व अन्य हेल्पलाइन नंबरों से पूर्वोत्तर रेलवे को चार दिनों में कुल 110 परिवाद मिले थे।
गोरखपुर, जेएनएन। रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अब उनकी समस्याओं का निस्तारण पलक-झपकते हो रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे ने तो समस्याओं के निस्तारण में रिकार्ड ही बना दिया है। एक से चार जनवरी के बीच औसत 23 मिनट में समस्याओं का निस्तारण कर भारतीय रेलवे स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है। रेल मदद व अन्य हेल्पलाइन नंबरों से पूर्वोत्तर रेलवे को चार दिनों में कुल 110 परिवाद मिले थे। जिसमें दो पहले से लंबित थे। औसत 23 मिनट में 99.11 फीसद परिवादों का निस्तारण किया गया। जबकि, अन्य जोनल रेलवे में निस्तारण की गति बहुत धीमी रही।
यहां के लिए हुई थीं शिकायतें
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे को पार्सल, ट्रेनों में वातानुकूलन, चोरी, ओवरचार्जिंग, कर्मचारी व्यवहार, चिकित्सा सहायकता, बोगियों की सफाई, गाडिय़ों में प्रकाश और समय पालन से संबंधित परिवाद मिले थे। सामान्यत: रेल मदद एप, वेबसाइट व हेल्पलाइन नंबरों के जरिये ट्रेनों में साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था, वातानुकूलन, लाइट, पंखा, चार्जिंग प्वाइन्ट, आरक्षित कोचों में अनधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश, पार्सल, खान-पान, चिकित्सा सहायता, रिफण्ड, ओवर चार्जिंग, कर्मचारियों के व्यवहार से संबंधित परिवाद ही प्राप्त होते हैं। जिसे कम से कम समय में निस्तारित करने के लिए परिवाद सेल एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
परिवादों के तत्काल निस्तारण से यात्री संतुष्ट
24 घंटे परिवादों की निगरानी होती रहती है। परिवादों के तत्काल निस्तारण से यात्री संतुष्ट तो होते ही हैं, रेलवे के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ता है। यात्री रेल मदद एप या वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर 139 और सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 182 के माध्यम से अपनी बात रेलवे के कंट्रोल रूम तक पहुंचा सकते हैं। शिकायतों के साथ सुझाव भी दे सकते हैं। शिकायतों का तत्काल निवारण होता है, सुझावों को अमल में लाने का प्रयास किया जाता है।