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भारतीय क्षेत्र में 12 किलोमीटर तक नेपाली सिम से हो रही बात, सुरक्षा पर सवाल

नेपाल से सटे भारत के सीमावर्ती क्षेत्र सोनौली खनुआ बरगदवा ठूठीबारी झुलनीपुर रेंगहिया बहुआर आदि क्षेत्रों में सीमा से पांच किमी अंदर तक नेपाल के नमस्ते व एनसेल मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क धडल्ले से पकड़ता है। इससे सुरक्षा पर सवाल उठ रहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 08:25 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 02:42 PM (IST)
भारतीय क्षेत्र में 12 किलोमीटर तक नेपाली सिम से हो रही बात, सुरक्षा पर सवाल
नेपाली मोबाइल सिम का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। भारत- नेपाल की  सोनौली सीमा पर भारत संचार निगम लिमिटेड( बीएसएनएल) का मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त होने से यहां के लोगों की संचार व्यवस्था नेपाली नेटवर्क के भरोसे चल रही है। इससे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोग  नेपाली नेटवर्क से अपना काम आसानी से चला ले रहे हैं।  भारत- नेपाल की महत्वपूर्ण सीमा होने के कारण सोनौली में मोबाइल नेटवर्क का न होना लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है । नेपाल से सटे सीमावर्ती सोनौली, खनुआ, बरगदवा, ठूठीबारी, झुलनीपुर, रेंगहिया, बहुआर आदि क्षेत्रों में सीमा से पांच किमी अंदर तक नेपाल के नमस्ते व एनसेल मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क धडल्ले से पकड़ता है। भारतीय क्षेत्र में नेपाली नेटवर्क पकडऩे से सुरक्षा का भी खतरा बना है। नेपाली नेटवर्क के चलते अपराधी व भारत विरोधी तत्व नेपाली मोबाइल कंपनियों का प्रयोग करते हैं।

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यह है मोबाइल कंपनियों की काल दर

नेपाल से नेपाल बात करने पर 10 सेकेंड का 83 पैसा नेपाली लगता है। जबकि नेपाल से भारत बात करने पर प्रति मिनट 3.72 रुपये नेपाली  लगता है। इसी प्रकार भारत से नेपाल बात करने पर 11 से 13 रुपये प्रति मिनट भारतीय मुद्रा निर्धारित है।

चुनाव के समय घोषित होता है शैडो एरिया

नेटवर्क की समस्या के चलते स्थानीय लोगों के साथ ही शासन- प्रशासन को भी दो चार होना पड़ता है। नेटवर्क के चलते सबसे अधिक दिक्कत  चुनाव के समय होती है।  मतदान केंद्रों की वेबकाङ्क्षस्टग न हो पाने के कारण सीमावर्ती ठूठीबारी, झुलनीपुर , बरगदवा आदि क्षेत्र के 20 मतदान केंद्रों को प्रशासन शैडो एरिया घोषित करता है। यहां वायरलेस से सूचनाओं का आदान - प्रदान होता है। महराजगंज के जिलाधिकारी डा. उज्‍जवल कुमार पांडेय का कहना है कि नेटवर्क की समस्या को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी। नेपाल का नेटवर्क भारतीय क्षेत्र में कार्य न करे इस संबंध में दूर संचार विभाग को  नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।


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