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भारत-नेपाल सीमा पर नेपाली टेलीकाम कंपनियां बढ़ा रहीं अपनी पैठ Gorakhpur News

कमजोर संचार नेटवर्क का लाभ उठा कर भारतीय क्षेत्र में नेपाली टेलीकाम कंपनियों ने अपना जाल बिछा रखा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 11:30 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 09:51 AM (IST)
भारत-नेपाल सीमा पर नेपाली टेलीकाम कंपनियां बढ़ा रहीं अपनी पैठ Gorakhpur News
भारत-नेपाल सीमा पर नेपाली टेलीकाम कंपनियां बढ़ा रहीं अपनी पैठ Gorakhpur News

महराजगंज, विश्वदीपक त्रिपाठी। नेपाली टेलीकाम कंपनियां सीमा से लगे भारत के गांवों के उपभोक्ताओं में तेजी से पैठ बढ़ा रही हैं। भारतीय सीमा के लोगों के हाथों में नेपाली सिम लगा मोबाइल फोन है। यह उनकी मजबूरी भी है क्योंकि किसी भारतीय कंपनी का नेटवर्क यहां ठीक से काम ही नहीं करता है। कमजोर संचार नेटवर्क का लाभ उठा कर भारतीय क्षेत्र में नेपाली टेलीकाम कंपनियों ने अपना जाल बिछा रखा है। नेपाल से सटे सीमावर्ती सोनौली, खनुआ,  बरगदवा, ठूठीबारी, झुलनीपुर, रेंगहिया , बहुआर आदि क्षेत्रों में सीमा से पांच किमी अंदर तक नेपाल के नमस्ते व एनसेल मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क धड़ल्ले से पकड़ता है। 

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सुरक्षा में भी लगा रहे सेंध

भारतीय क्षेत्र में नेपाली नेटवर्क  पकडऩे से  अपराधी व देशविरोधी तत्व नेपाली मोबाइल कंपनियों का प्रयोग करते हैं। जिससे उनकी गतिविधियों की जानकारी समय रहते सुरक्षा एजेंसियों को नहीं मिल पाती है।

नेटवर्क न होने से लगानी पड़ती है वायरलेस टीम

नेटवर्क की समस्या के चलते जनपद के सोनौली, निचलौल व ठूठीबारी क्षेत्र के कुछ हिस्सों को प्रशासन द्वारा शैडो एरिया घोषित कर दिया गया है। चुनाव के समय इन बूथों की वेबकास्टिंग नहीं हो पाती है। इन केंद्रों की गतिविधियां पता चलती रहे इसके लिए इन्हें वायरलेस से जोड़ा जाता है। मतदान के दिन प्रत्येक बूथ पर अलग से वायरलेस टीम तैनात की जाती है।

नेपाली नेटवर्क का यह है शुल्क

नेपाल से नेपाल बात करने पर 10 सेकेंड का 83 पैसा नेपाली लगता है। नेपाल से भारत बात करने पर प्रति मिनट 3.72 रुपये नेपाली देना पड़ता है। भारत से नेपाल बात करने पर प्रति मिनट 11 से 13 रुपये भारतीय मुद्रा शुल्क निर्धारित है। 

सुरक्षा व राजस्व हानि रोकने के लिए कमजोर किया गया है नेटवर्क

दूरसंचार विभाग आनंदनगर के एसडीओ प्रमोद कुमार जायसवाल बताते हैं कि बीएसएनएल का नेटवर्क पड़ोसी देश नेपाल में न पकड़े इसी लिए सीमावर्ती क्षेत्र में नेटवर्क को कमजोर किया गया है। यह निर्णय सुरक्षा व व्यवसायगत हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

भारतीय सीमा क्षेत्र में नेपाली टेलीकाम कंपनियों का नेटवर्क पकडऩा गंभीर है। दूरसंचार विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर आवश्यक कदम उठाया जाएगा। दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक में भी इस मुद्दे पर वार्ता की जाएगी। - अमरनाथ उपाध्याय, जिलाधिकारी, महराजगंज 

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