लखनऊ से हुआ पत्राचार तब नीरी टीम हुई आने को तैयार
राप्ती और रोहिन नदियों में गिर रहे नालों के पानी की सफाई जल्द शुरू होने की उम्मीद हैै। नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च (नीरी) की टीम ने जल्द काम शुरू करने पर सहमति जताई है। लखनऊ में नगर विकास विभाग ने नीरी के अफसरों ने इसके लिए पत्र लिखा था।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। राप्ती और रोहिन नदियों में गिर रहे नालों के पानी की सफाई जल्द शुरू होने की उम्मीद हैै। नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च (नीरी) की टीम ने जल्द काम शुरू करने पर सहमति जताई है। लखनऊ में नगर विकास विभाग की ओर से नीरी के अफसरों ने इसके लिए पत्र लिखा था। टीम नालों में ही पानी को साफ करेगी। इससे नदी में गंदगी नहीं बढ़ेगी।
नालों का पानी नदियों में गिराने पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण कर चुका है आपत्ति
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण नदियों में नालों का पानी सीधे गिराने पर कई बार आपत्ति जता चुका है। इसे देखते हुए शासन स्तर से नागपुर की संस्था नीरी को पानी साफ करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शासन नीरी को करीब छह करोड़ रुपये का भुगतान भी करेगा। नीरी की टीम ने राप्ती नदी के किनारे तकिया घाट पर नाले के पानी को साफ करने की तैयारी भी शुरू की थी, लेकिन सड़क न होने के कारण टीम बाद में आने की बात कहकर चली गई। बारिश का मौसम बीतने के बाद भी टीम नहीं आयी तो नगर निगम के अफसरों ने इसकी सूचना नगर विकास विभाग को दी थी। शहर के 15 नालों का पानी सीधे राप्ती और रोहिन नदियों में गिरता है।
ऐसे शुद्ध किया जाएगा पानी
नाले में लोहे की जाली लगाई जाएगी और एक से डेढ़ मीटर गहरे दो गड्ढे बनाए जाएंगे। इसके बाद जाल में पत्थरों को फंसाकर एक चेकडैम बनाया जाएगा। यहां जलीय पौधे लगाए जाएंगे। इसमें कंकड़ भी डाले जाएंगे। यहां से पानी साफ होकर नदी में जाएगा।
इनका होगा इस्तेमाल
एलीफैंट ग्रास (पटेरा), नरकुल, जूनाक्स, कामन रश, हाइड्रिला, कुमुद, शैवाल, वाटर चेस्टनट, जलकुंभी, कामन डकवीड, क्लब-रश व वाटर क्लोवर।
नीरी संस्था काम करने को हुई तैयार
नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चंद ने बताया कि लखनऊ से अफसरों ने नीरी को पत्र लिखा तो संस्था अब काम करने को तैयार हो गई है। जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है। 15 नालों का गंदा पानी साफ होकर नदियों में जाएगा।