जरूरत पचास की आए सिर्फ दस करोड़ रुपये
गोरखपुर : सिद्धार्थनगर जनपद में नकदी का संकट अभी भी यथावत है। इस समस्या का निराकरण नहीं ह
गोरखपुर : सिद्धार्थनगर जनपद में नकदी का संकट अभी भी यथावत है। इस समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। हालांकि जिले में दस करोड़ की धनराशि आई है, पर इससे समस्या का निदान नहीं निकल सका। तमाम बैंकों से लोग निराश लौटे। एटीएम पर सभी को मायूसी ही हाथ लगी। जिला मुख्यालय के एटीएम शनिवार को भी बंद रहे। जिले में 144 बैंक शाखाएं हैं। बैंक के जानकारों का मानना है कि यदि 50 करोड़ की धनराशि रहे तो स्थिति सामान्य होगी, जबकि इसके एवज में सिर्फ 10 करोड़ रुपये मिले हैं।
लोटन स्थित संवाददाता के मुताबिक बाजार स्थित बैंक की शाखाओं में स्टाफ की कमी एवं कैश के अभाव में ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को बार-बार बैंक का चक्कर लगाना पड़ रहा है। स्टेट बैंक की शाखा में नकदी के साथ स्टाफ की कमी भी है। इसके चलते जमा निकासी के लिए हमेशा समस्या बनी रहती है। शाखा प्रबंधक सहित दो का ही स्टाफ है। एक ही व्यक्ति द्वारा जमा निकासी का कार्य व समय से लेन-देन नहीं हो पाता है। महिलाओं व बुजुर्गों को काफी परेशानी महसूस होती है। पूर्वांचल बैंक की शाखा में कैश का अभाव हमेशा बना रहता है। इस समय मांगलिक कार्यक्रमों का समय चल रहा है। मगर लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है। शाखा प्रबंधक एसबीआई परमेश्वर प्रसाद का कहना है कि स्टाफ की कमी से परेशानी है। फिर भी किसी तरह कार्य निपटाने का प्रयास रहता है। बैंक ग्राहकों ने विभागीय अधिकारियों का ध्यान बैंकों की लचर व्यवस्था की तरफ आकृष्ट कराया है।
एक बैंक के हिस्से सात लाख भी नहीं : जिले में 10 करोड़ की धनराशि आई है। यहां 144 बैंक शाखाए हैं। यहां कई बैंक शाखाएं ऐसी है, जहां रोजाना तीन से चार करोड़ का ट्रांजक्शन है। ऐसे में 10 करोड़ की धनराशि से पांच बड़े बैंकों का भी कार्य नहीं चल सकता। हालांकि छोटे बैंकों की जरूरत 15 से 20 लाख रुपये में निपट जाती है। ऐसे में 10 करोड़ में सभी बैंकों को बराबर धनराशि दी जाए तो एक बैंक के खाते में सात लाख रुपये की धनराशि भी नहीं आएगी। 10 करोड़ की धनराशि बेहद मामूली है। इससे क्या होने वाला है। हालांकि जहां कुछ नहीं मिल रहा था। वहां स्थिति कुछ बेहतर अवश्य हुई है। हालांकि कुछ दिनों धनराशि आने वाली है। इससे स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।