गोरखपुर जेल में फलाहार संग इफ्तार का मेल, सौहार्द का दे रहा संदेश- आस्था की राह में रोड़ा नहीं धर्म की दीवार
गोरखपुर जिला जेल में इस समय नवरात्रि व रमजान के पवित्र माह में बंदी एक साथ व्रत का फलाहार और रोजा का इफ्तार कर रहे हैं। जेल में 540 बंदी नवरात्र व्रत कर रहे हैं तो 174 ने रोजा रखा है।
गोरखपुर, सतीश पांडेय। नवरात्र और रमजान के पवित्र माह में गोरखपुर के जिला जेल में फलाहार संग इफ्तार का मेल सौहार्द का संदेश दे रही है। एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करते हुए कैदी व बंदी एक साथ फलाहार व इफ्तार कर रहे हैं। जेल में 540 बंदियों ने नवरात्र में नौ दिन का उपवास रखा है, तो 174 मुस्लिम बंदी रोजा रख रहे हैं। जेल प्रशासन व्रत व रोजा रखने वाले बंदियों को को फल, खजूर, दूध, आलू, दही, बेकरी, नीबू उपलब्ध करा रहा है।
महिला बंदियों ने भी रखा है व्रत व रोजा
नवरात्र के साथ रमजान का पवित्र माह भी शुरू हो गया है। लोग आस्था के अनुरूप व्रत या रोजा रख रहे हैं। गोरखपुर जिला कारागार भी इससे अछूता नहीं है। संगीन से लेकर छोटे-छोटे अपराधों में जेल गए सजायाफ्ता कैदी और बंदी नवरात्र का उपवास और रोजा रखकर अपने धर्म अनुरूप आचरण में जुटे हैं। नवरात्र का व्रत रखने वालों में 34 महिलाएं हैं, तो नौ महिलाओं ने रोजा रखा है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ओपी कटियार का कहना है कि बंदी एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करते हुए एक साथ रोजा और उपवास रख रहे हैं। उपवास रखने वालों को फलाहार के साथ दूध, दही, आलू, चीनी उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि रोजे रखने वाले बंदियों को रोजा इफ्तार में खजूर, चीनी, नीबू, दही, बर्फ उपलब्ध कराया जा रहा है।
बंदी रक्षक देते हैं सेहरी करने की सूचना
जेल प्रशासन बंदियों को सेहरी का सामान उपलब्ध कराता है। इसके साथ ही भोर में ड्यूटी पर तैनात बंदी रक्षक रोजा रखने वाले बंदियों को सेहरी का समय होने की सूचना देता है। इसके बाद रोजा रखने वाले बंदी व कैदी बैरक में एकत्र होकर एक साथ सेहरी करते हैं। शाम को सभी लोग बैरक के बाहर एक साथ इफ्तार करते हैं।
देवी उपासना में जुटे हैं अख्तर रजा
धर्म की दीवार यहां आस्था की राह में रोड़ा नहीं है। इसीलिए मुस्लिम बंदी अख्तर रजा नवरात्र व्रत रखकर देवी उपासना में जुटे हैं। वह फलाहार का सेवन करते हुए नितनेम के साथ नवरात्र व्रत कर रहे हैं। इस तरह से वह जेल में सौहार्द के प्रतीक के रूप में चर्चित हो रहे हैं।