खतरे के निशान से महज 1.05 मीटर नीचे बह रही नारायणी नदी
कुशीनगर जिले में अति सक्रिय मानसून के चलते हुई बारिश से नारायणी नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। पिपराघाट में यह खतरे के निशान से महज 1.05 मीटर नीचे बह रही है।
गोरखपुर,जेएनएन। कुशीनगर जिले में अति सक्रिय मानसून के चलते हुई बारिश से नारायणी नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। पिपराघाट में यह खतरे के निशान से महज 1.05 मीटर नीचे बह रही है। हालांकि गत दो दिनों से डिस्चार्ज स्थिर रहने से राहत है, लेकिन बांध के संवेदनशील स्थानों पर दबाव बरकार है। बीते आठ जुलाई को डिस्चार्ज 45000 क्यूसेक था जो अगले दिन बढकर मंगलवार को 63800 क्यूसेक, बुधवार को 71000 क्यूसेक, गुरुवार को 69.300 क्यूसेक, शुक्रवार को 67000 क्यूसेक रहा। बीते शनिवार को अचानक नदी का डिस्चार्ज 202000 क्यूसेक पर जा पहुंचा। हालांकि रविवार को डिस्चार्ज में कमी आई और घटकर 70000 क्यूसेक हो गया। सोमवार को डिस्चार्ज 79.700 रहा। इससे पिपराघाट में जलस्तर 75.15 मीटर पर पहुंच गया। यहां लगे गेज पर खतरे का निशान 76.20 मीटर पर अंकित है। नदी लाल निशान से 1.05 मीटर नीचे बह रही है। नदी में पानी बढ़ने से एपी बांध के किमी जीरो पिपराघाट से किमी 17 अहिरौलीदान तक संवेदनशील प्वाइंटों पर दबाव बढ़ गया है। टीम कैंप कर बचाव कार्य में जुटी है। किमी 12 पर नदी ने कटान शुरु कर दिया है। गत वर्ष बाढ़ की विभीषिका व कटान का दंश झेल चुके बांध के समीप बसे गांवों के ग्रामीणों का नदी का यह रुख देख होश उड़ गए।
जल जमाव से फसलें डूबीं, किसान चितित
कुशीनगर: अधिक वर्षा के कारण खेतों मे धान की फसल डूबने से किसान चितित हैं। बारिश रुकने के बाद भी किसानों को यह चिता सता रही कि उनकी फसल का क्या होगा। क्योंकि खेतों में जल जमाव होने से फसल के सड़ने की आशंका बनी हुई है। मोतीचक विकास खंड के गांव पैकौली, मंगलपुर उर्फ मंगरुआ, झांगा, बेलवा सुदामा, तकिया, सोनिया, मधवलिया, विशुनपुरा, हरपुर बरवां, अजीजनगर, फर्दमुण्डेरा, सतभरिया, अथरहां, सिकटिया, लंगड़ी, पिपरा आदि गांवों में यह समस्या है सोमवार को खेतों में जल जमाव देख किसान परेशान हो उठे।