नगर निगम को मिले 21 करोड़, सिर्फ विकास कार्य करने की हिदायत Gorakhpur News
शासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 15वें वित्त के रुपये से सिर्फ विकास कार्य होंगे किसी भी हाल में इन रुपयों से वेतन नहीं दिया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना काल में जहां कुछ विभागों में बजट को लेकर संशय है तो वहीं शासन ने नगर निगम सीमा क्षेत्र में विकास कार्य के लिए 15वें वित्त के मद में 21 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इन रुपयों से सड़क, नाली समेत अन्य जरूरी निर्माण कार्य कराए जाएंगे। शासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 15वें वित्त के रुपये से सिर्फ विकास कार्य होंगे, किसी भी हाल में इन रुपयों से वेतन नहीं दिया जाएगा। नए विकास कार्य अभी शुरू नहीं हो सके हैं। पहले से जिन कार्यों को अनुमति मिल चुकी है, उन्हें ही कराया जा रहा है। नगर निगम प्रशासन भी अभी पुराने काम को ही खत्म कराने में जुटा है। अब शासन से बजट मिलने के बाद अफसरों में खुशी है।
पिछले वित्तीय वर्ष में मिले थे 40 करोड़
14वें वित्त से नगर निगम को 40 करोड़ रुपये मिले थे। इन रुपयों से शहर में कई सड़कों और नालियों का निर्माण हुआ था। नगर निगम के अफसरों को इस वित्तीय वर्ष में पहले से ज्यादा बजट मिलने की उम्मीद थी। हालांकि अफसरों का कहना है कि कोरोना काल में इतना बजट मिलना भी अच्छा संकेत है।
सरकारी बजट पर निर्भर है नगर निगम
नगर निगम गोरखपुर का सालाना खर्च सौ करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसमें सिर्फ आठ करोड़ रुपये प्रति माह वेतन और पेंशन के मद में जाते हैं। निगम की कमाई सालाना तकरीबन 25 करोड़ रुपये ही है। इस कारण नगर निगम सरकार से मिलने वाले बजट पर ही निर्भर रहता है।
पार्षदों से लिए जा रहे प्रस्ताव, कमेटी लेगी निर्णय
महापौर सीताराम जायसवाल का कहना है कि 15वें वित्त से मिले रुपयों के आधार पर पार्षदों से विकास कार्यों के प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। इन प्रस्तावों को कमेटी में रखा जाएगा। कमेटी ही विकास कार्यों के बारे में निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि विकास कार्यों के लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।