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Pnchayat Chunav: ज्यादातर दावेदार खुद को भाजपा समर्थित प्रत्याशी दर्शाने की कर रहे हैं कोशिश

भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच आपसी प्रतिद्वंद्वता को समाप्त करने और जिताऊ प्रत्याशी का चयन करने के लिए पार्टी समन्वय रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत पार्टी पदाधिकारियों की अलग टीम गांवों की नब्ज टटोलने में जुटी है।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 03:37 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:15 PM (IST)
Pnchayat Chunav: ज्यादातर दावेदार खुद को भाजपा समर्थित प्रत्याशी दर्शाने की कर रहे हैं कोशिश
पंचायत चुनाव के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। अगर आपके भी गांव में प्रधान और बीडीसी के एक से अधिक दावेदारों ने मोदी-योगी के साथ अपना बैनर-पोस्टर लगा रखा है तो असमंजस में पडऩे की जरूरत नहीं है। इनमें से कोई भी उम्मीदवार भाजपा का अधिकृत या समर्थित प्रत्याशी नहीं होगा। पार्टी सिर्फ जिला पंचायत सदस्य के पद पर अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी, प्रधान-बीडीसी पद के लिए होने वाले चुनाव से पार्टी खुद को अलग रखेगी।

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ग्राम पंचायतों में प्रधानों के अधिकार सीज होते ही गंवई सियासत गर्मा गई है। प्रधानी के चुनाव में एक ही गांव से कई-कई कार्यकर्ताओं के ताल ठोकने से पदाधिकारियों के सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई है। कार्यकर्ताओं के बीच आपसी प्रतिद्वंद्वता को समाप्त करने और जिताऊ प्रत्याशी का चयन करने के लिए पार्टी समन्वय रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत पार्टी पदाधिकारियों की अलग टीम गांवों की नब्ज टटोलने में जुटी है। पार्टी नेतृत्व ने समन्वय की जिम्मेदारी मंडल अध्यक्षों को दी है। उनसे कहा गया है कि अपने क्षेत्र में पंचायत चुनाव में दावेदारी को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच हो रहे राजनीतिक विवाद का समाधान सुनिश्चित करें। जरूरत पडऩे पर इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का उपयोग भी करें। हर ग्राम पंचायत या क्षेत्र पंचायत में पार्टी के नाम पर एकल दावेदारी तय होनी चाहिए। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं में सहमति बनाने का कार्य करें। इसके पीछे पार्टी की मंशा अघोषित रूप से राजनीति के अंतिम पायदान तक अपना वर्चस्व व छवि बनाए रखना है।

ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत में पार्टी से दावेदारी उचित नहीं

भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डा. धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि भाजपा ने केवल जिला पंचायत स्तर पर अपना प्रत्याशी घोषित करने का फैसला किया है। ऐसे में ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत स्तर पर पार्टी के नाम पर किसी प्रत्याशी की दावेदारी उचित नहीं है। यदि इसे लेकर कहीं कोई समस्या खड़ी होती है तो उसका समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। इसे लेकर पार्टी की छवि पर आंच नहीं आने दी जाएगी।

सीएम योगी भी स्पष्ट कर चुके हैं स्थिति

पंचायत चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। गोरखपुर महोत्सव के समापन अवसर पर उन्होंने मंच से इस बात की घोषणा की थी कि संगठन ने पंचायत चुनाव के लिए मानक तय कर दिए हैं। भाजपा केवल जिला पंचायत का चुनाव लड़ेगी। बाकी पदों पर हमे हस्तक्षेप नहीं करना है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ग्राम पंचायतों में गलत लोग चुन कर चले जाएं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि ग्राम पंचायतों में अ'छे लोग चुन कर जाएं और ये लोग भाजपा से भावनात्मक लगाव रखें।


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