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अधिक बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेर दिया पानी, बर्बाद हो रही फसल

समय से पहले और औसत से अधिक बारिश ने गन्ना किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। गोरखपुर परिक्षेत्र के सात जिलों में से छह में पिछले साल की तुलना में इस बार गन्ने की औसत उपज में गिरावट दर्ज की गई है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 03:22 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 05:44 PM (IST)
अधिक बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेर दिया पानी, बर्बाद हो रही फसल
बरसात ने बर्बाद कर गन्‍ने की फसल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : गोरखपुर परिक्षेत्र के सात जिलों में से छह में पिछले साल की तुलना में इस बार गन्‍ने की औसत उपज में गिरावट दर्ज की गई है। समय से पहले और औसत से अधिक बारिश ने गन्ना किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। प्रति हेक्टेयर की दर से उपज में सबसे अधिक कमी गोरखपुर जिले में आई है। परिक्षेत्र के सिर्फ बस्ती जिले में गन्ने की उपज बढ़ी है। पेराई सत्र 2019-20 में बस्ती में गन्ने की औसत उपज 620 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी। पेराई सत्र 2020-2021 में बढ़कर 644 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई।

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45 जिलों में होती है गन्‍ने की खेती

प्रदेश के 45 जिलों में गन्ने की खेती होती है। इनमें गोरखपुर परिक्षेत्र के गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ और बस्ती जिले शामिल हैं। उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्त गन्ने की कम उपज की सबसे बड़ी वजह भारी बारिश बताते हैं। गन्ने की फसल के लिए आठ से नौ सौ मिलीमीटर पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन इस साल जुलाई तक इससे दोगुनी बारिश रिकार्ड की जा चुकी है।

सेवरही चीनी मिली में 1600 सौ मिलीमीटर वर्षा की गई रिकार्ड

मौसम विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक सेवरही चीनी मिल परिक्षेत्र में 27 जुलाई तक 16 सौ मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। इसी तरह खड्डा चीनी मिल परिक्षेत्र में इस तिथि तक एक हजार मिलीमीटर से अधिक बारिश हो चुकी है। पिपराइच चीनी मिल परिक्षेत्र में मई में तीन सौ मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई थी, जबकि यह मौसम गर्मी का है। 27 जुलाई तक चीनी मिल क्षेत्र में 18 सौ मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। सहायक निदेशक बताते हैं कि पर्याप्त गर्मी न मिलने की वजह से भी गन्ने की पैदावार प्रभावित हुई है।

यह भी पैदावार कम होने की वजह

गोरखपुर परिक्षेत्र के किसान सबसे अधिक को. 0238 प्रजाति का गन्ना बोते हैं। यह प्रजाति गन्ने का कैंसर कहे जाने वाले रोग रेडराट से सर्वाधिक प्रभावित है। यह रोग लगने के बाद फसल सूख जाती है। गोरखपुर परिक्षेत्र के जिलों में इस रोग का भी प्रकोप रहा, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ।

यह रही गन्ने की औसत उपज

जिला             2019-20              2020-21

गोरखपुर        715 क्विंटल          602 क्विंटल

देवरिया          748 क्विंटल         650 क्विंटल

महराजगंज      678 क्विंटल         656 क्विंटल

कुशीनगर       777 क्विंटल          713 क्विंटल

आजमगढ़      630 क्विंटल          614 क्विंटल

मऊ              640 क्विंटल           582 क्विंटल

बस्ती           620 क्विंटल           644 क्विंटल

(औसत उपज का आंकड़ा प्रति हेक्टेयर की दर से)


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