नहीं हुआ चांद का दीदार, ईद मिलादुन्नबी अब 30 अक्टूबर को Gorakhpur News
शनिवार को चांद का दीदार न होने से अब ईद मिलादुन्नबी का पर्व 30 अक्टूबर को अकीदत के साथ मनाया जाएगा। रबीउल अव्वल की 12 तारीख को मोहम्मद साहब का जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी के रूप में मनाया जाता है।
गोरखपुर, जेएनएन। इस्लामी माह रबीउल अव्वल के चांद का दीदार शनिवार को नहीं हुआ। सोमवार से नए महीने की शुरुआत हाेगी और 30 अक्टूबर को ईद मिलादुन्नबी का पर्व अकीदत के साथ मनाया जाएगा। रबीउल अव्वल की 12 तारीख को मोहम्मद साहब का जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी के रूप में मनाया जाता है। मुफ्ती अख्तर हुसैन ने बताया कि 30 अक्टूबर को ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मस्जिदों में फज्र की नमाज के बाद परचम कुशाई (ध्वजारोहण) होगा। इसी दिन विभिन्न मोहल्लों से जुलूस-ए-मोहम्मदी अनुमति मिलने पर निकाला जायेगा। घरों व मस्जिदों में मीलाद की महफिल सजेगी। जैसे-जैसे ईद मिलादुन्नबी पर्व की तारीख करीब आयेगी उत्साह बढ़ता जायेगा।
इल्म की दौलत से मालामाल थे सर सैयद
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां के जन्म दिवस (सर सैयद डे) के मौके पर शनिवार को शहर में कई जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी ने जाफरा बाजार में "शिक्षा एक क्रांति" विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया। कमेटी के जिला अध्यक्ष सैयद इरशाद अहमद ने सर सैयद की उपलब्धियों पर रोशनी डालते हुए कहा कि वे इल्म की दौलत से मालामाल थे और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिर्वतन का नारा दिया। उन्होंने कहा था कि बिना तालीम के कोई कौम तरक्की नहीं कर सकती।
मौलाना तामीर अहमद ने कहा कि सर सैयद शिक्षाविद्, समाज सुधारक, पत्रकार और इतिहासकार होने के अलावा राष्ट्र निर्माण के काम को आगे बढ़ाने वाली कई संस्थाओं के संस्थापक भी रह चुके हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यमों से कौम में शिक्षा व संस्कृति की भावना जगाने की कोशिश भी की ताकि शैक्षिक मैदान में कोई हमारी कौम पर हावी न हो सके। संचालन मो. अनीस ने किया। गोष्ठी में आफताब अहमद, अरशद बेग, महफूज आलम, मोहम्मद अदील अख्तर, शकील शाही, अहमद जुनेद, वकील शाही, कमरुद्दीन अंसारी, शमीम अहमद, अकील अहमद अंसारी, कैश अख्तर आदि मौजूद रहे।