विधायक राधा मोहन ने विधान सभा में उठाया अवैध कालोनियों का मुद्दा, कहा- कालोनाइजर्स पर कार्रवाई नहीं कर रहा जीडीए
गोरखपुर के भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने विधान सभा में गोरखपुर की अवैध कालोनियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जीडीए अफसर कालोनाइजर्स पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
गोरखपुर, जेेेेेएनएन। नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने विधानसभा में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ अक्षमता और निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए उन्हें महानगर की नारकीय स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। नगर बिधायक ने यह मुद्दा विधानसभा में नियम 301 के तहत उठाया। विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार को यथोचित कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है!
नगर विधायक ने कहा कि 9 अगस्त 2018 में शासनादेश संख्या 1428/ आठ-8-2018-194 काम्प / 2001 के माध्यम से सरकार ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को निर्देशित किया था कि महानगरों में जो भू-बिक्रेता /कोलोनाईजर सीधे काश्तकारों से लिखवाकर जमीनों की प्लानिंग कर रहे हैं, उन्हें नागरिकों को सड़क, नाली, जलनिकासी तथा पथ-प्रकाश की सुविधाएं देनी होगी और जो बिल्डर ऐसा न करें, उनकी सम्पत्ति जप्त करके बेच दी जाये तथा उससे उन कालोनियों का विकास कराया जाये। यह भी आदेश था कि ऐसी कालोनियों के विकास को बढ़ावा देने वाले अभियंताओं को चिन्हित करके उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाये।
नगर विधायक ने कहा कि स्वयं गोरखपुर में ही गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री के दो साल पुराने आदेश को डस्टबीन में फेंक दिया है और दिन प्रतिदिन कुकुरमुत्ते की तरह ऐसी सुविधाविहीन कोलोनियां फैलती जा रही हैं और उनमें अधिकांश अवस्थापना सुविधाएं नहीं है। नागरिक बदहाली में हमारे पास आते हैं लेकिन ऐसी कालोनियों के विधायक निधि देना गैर-कानूनी होता है। पिछले दो साल में प्राधिकरण ने एक भी ऐसी कालोनी को चिन्हित करके कोलोनाइजर की न तो सम्पत्ति जप्त की और न ही उसे बेचकर अधोमानक कालोनी का विकास ही कराया।
डा. अग्रवाल ने विधानसभा में कहा कि उन्हें आश्चर्य हुआ कि जब उन्होंने राप्तीनगर स्थित ऐसी ही एक कालोनी हमीदुल्लाहनगर के नागरिकों की शिकायत पर उसके कालोनाइजर की सम्पत्ति जब्त कराकर कालोनी का विकास कराने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण के वर्तमान उपाध्यक्ष को कहा तो उन्होंने उक्त शासनादेश को एक सिरे से नकार दिया और हमसे कहा कि उक्त आदेश विकास प्राधिकरण पर लागू ही नहीं होते हैं और यह कार्य रेरा (रियल स्टेट रेगुलेटरी अथारिटी) को करना होगा। हमारे दबाव में उपाध्यक्ष ने नागरिकों का आवेदन तो ले लिया लेकिन उन्हें हतोत्साहित करते हुए कहा कि यह बहुत समय लेने वाला काम है।
नगर विधायक ने कहा कि जब सरकार के अधिकारी ही सरकार के दो साल पुराने आदेश को इस तरह नकार देगे तो आखिर विकास प्राधिकरण बनाये किस लिए गये हैं ? शहर की विकास की जरुरतें पूरी कैसे होंगी और नागरिकों का जीवन सुखद और बेहतर कैसे होगा ? उन्होंने आवास मंत्री (मुख्यमंत्री) से आग्रह किया है कि सरकारी आदेश को मुख्यमंत्री के शहर में तो लागू कराया जाये और गोरखपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को महानगर में स्थित ऐसी सभी अनियमित कालोनियों के विकास के लिए त्वरित कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया जाये।