विधायक डा. राधा मोहन ने विधान सभा में उठाया बांस-बल्ली से बिजली सप्लाई का मुद्दा Gorakhpur News
गोरखपुर के विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर में बांस-बल्ली पर झूलते बिजली के तारों को हटाने जर्जर विद्युत पोलों को बदलने का मुद्दा विधान सभा में उठाया।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर शहर में बांस-बल्ली पर झूलते बिजली के तारों को हटाने, जर्जर विद्युत पोलों को बदलने तथा मकानों के ऊपर से गुजरने वाले हाईटेंशन वायर को हटवाने के संदर्भ में विधानसभा में नियम-51 के तहत उठाया। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विषय की गम्भीरता को स्वीकार करते सरकार को जबाब देने के लिए निर्देशित किया है।
बिजली विभाग के अभियंताओं को बताया जिम्मेदार
नगर विधायक ने कहा कि नगर के बड़े हिस्से में बिजली विभाग के अभियंताओं ने बांस-बल्ली पर तार दौड़ा कर नागरिकों को वैधानिक बिजली कनेक्शन दे दिये। बांसों पर झूलते बिजली के तारों से आये दिन दुर्घटना होती रहती है। सारे कनेक्शन नियमानुसार हैं और अभियंताओं ने भ्रष्टाचार के कारण ही ऐसा किया है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी बांस-बल्लियों को हटवाकर पत्थर के पोल लगाए जाएं और सरकारी खर्च पर लगाये जाएं क्योंकि नागरिक तो एक बार पैसा जमा कर ही चुके हैं।
आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं
नगर विधायक ने कहा कि शहर में हजारों-हजार विद्युत पोल पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं और जमीन पर खड़े होने की जगह बिजली के तारों पर लटके हुए हैं और आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ये खंभे बिजली विभाग के हैं और इन सभी को विभाग द्वारा तुरंत बदला जाना आवश्यक है। नगर विधायक ने कहा कि शहर के बड़े हिस्से से हाईटेंशन वायर जाते थे, आज उन सभी जगहों पर तारों के नीचे बाकायदा नक्शे पास कराकर मकान बन गये हैं। यहां तक कि बिजली विभाग ने सभी लोगों को बिजली कनेक्शन देकर शुल्क भी वसूल लिये और मोहल्लों में ट्रांसफार्मर तथा अन्य अवस्थापना सुविधायें भी दे डालीं। लगातार आये दिन हाईटेंशन तारों से चिपककर नागरिकों की मौत हो रही है। सरकार इन हाईटेंशन तारों को हटाकर दूसरे सुरक्षित रास्तों से अपने खर्चे पर ले जायें, यह बिजली विभाग की वैधानिक जिम्मेदारी है।
विधायक ने उर्जा मंत्री से भी की बात
नगर विधायक ने बाद में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की और उनसे विस्तृत चर्चा की। ऊर्जा मंत्री ने इस समस्या को स्वीकार करते हुये कहा कि वे प्रयास कर रहे हैं कि लोन के माध्यम से निगम को इसके लिये धन उपलब्ध कराया जाये। वे मुख्यमंत्री से इस पर चर्चा करेंगे।