खनन घोटाला : बालू के अवैध खनन से मालामाल हुए अफसर व सफेदपोश Gorakhpur News
Mining scam पूर्ववर्ती बसपा व सपा शासनकाल में देवरिया में अवैध बालू खनन का अवैध कारोबार अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों के राजस्व को नुकसान पहुंचाया था।
देवरिया, महेंद्र कुमार त्रिपाठी। खनन कार्य में भ्रष्टाचार के आरोपी पांच अधिकारियों के विरुद्ध जांच के आदेश देकर यूपी सरकार ने कड़ा संदेश दिया है। इन दो अधिकारियों में देवरिया में तैनात रहे खान निरीक्षक व सहायक भूवैज्ञानिक भी हैं। दरअसल, पूर्ववर्ती बसपा व सपा शासनकाल में जनपद में अवैध बालू खनन का अवैध कारोबार अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों का राजस्व को नुकसान पहुंचाया। अफसर व सफेदपोश मालामाल होते रहे। जिनके नाम पट्टा था, वह महज मोहरे बनकर रह गए थे। सीबीआइ का शिकंजा कसा तो कलई खुलने लगी।
तत्कालीन डीएम आठ लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
प्रदेश में खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने जुलाई 2019 में तत्कालीन डीएम विवेक, एडीएम डीएस उपाध्याय, खनन निरीक्षक पंकज कुमार सिंह, विजय मौर्य के साथ ही बरईपुर निवासी ठीकेदार फूलबदन निषाद व शाहंजहापुर निवासी शारदा यादव समेत आठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। तत्कालीन डीएम व एडीएम के खिलाफ खनन के पट्टे का रिन्यूवल करने में अनदेखी की तथा खनन निरीक्षकों व अन्य कर्मचारियों ने एमएम-11 फार्म गलत तरीके से जारी कर दिया था।
पट्टे की अवधि समाप्त होने के होता रहा बालू खनन
खनन विभाग ने वर्ष 2009 में फूलबदन निषाद के नाम से छोटी गंडक नदी के सबवट से अहिरौली तक व कोटवा से रतनपुरा तक बालू खनन का तीन साल के लिए गलत तरीके से पट्टा जारी किया था। इसी तरह से शारदा यादव के नाम से हेतिमपुर में बालू खनन का पट्टा किया गया। पट्टे की अवधि समाप्त होने के डेढ़ साल तक अधिकारियों की मिली भगत से ठीकेदार बालू खनन कर करोड़ों रुपये राजस्व की क्षति पहुंचाई। फिर भी अफसरों ने ठेकेदारों को नियम विरुद्ध तरीके से पट्टों का नवीनीकरण के बाद खनन कराने लगे।
दस जनवरी को देवरिया आई थी सीबीआइ टीम
बालू खनन घोटाले के मामले की जांच करने सीबीआइ नई दिल्ली के इंस्पेक्टर लोकेंद्र सिंह नेगी ने देवरिया के सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन में खनन विभाग में पूर्व में तैनात कर्मचारियों का दस जनवरी 2020 में बयान दर्ज किया था। सीबीआइ ने नवंबर 2017 में फूलबदन निषाद व शारदा यादव समेत कई ठीकेदारों से पूछताछ की थी।
नदी घाटों पर गई थी सीबीआइ टीम
सीबीआइ टीम जनवरी 2020 में गंडक नदी के हेतिमपुरघाट, अहिरौली, कोन्वलिया, महुआपाटन, गोरयाघाट का निरीक्षण का वहां मौजदू मजदूरों व अन्य लोगों से पूछताछ की थी।