नई मिल में पुराने कर्मचारियों को नौकरी की आस
बंद चीनी मिल के कर्मचारियों को नौकरी मिलने की आस जग गई है। मुख्यमंत्री ने नई चीनी मिल लगाए जाने की घोषणा कर दी है।
By Edited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:09 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 10:09 AM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। बस्ती जिले के मुंडेरवा में नई चीनी मिल लगने के साथ ही पुराने मिल के कर्मचारियों को अब भी नौकरी मिलने की उम्मीद है। जो लोग मिल में नौकरी करते थे उनमें से कई ऐसे हैं जिनकी उम्र अभी नौकरी लायक है। साथ ही 15 वह लोग भी इस कतार में खड़े हैं जिन्होंने पुरानी मिल के विस्तारीकरण के दौर में नौकरी मिलने की आस में अपनी जमीन चीनी मिल को दे दी थी। यह लोग नौकरी मिलने की आस में मिल प्रबंधन और प्रशासन की चौकठ पर दस्तक दे रहे हैं।
बता दें कि पेराई सत्र 1998-99 में मुंडेरवा चीनी मिल हमेशा के लिए बंद हुई तो इसमे नौकरी कर रहे कर्मचारियों की आजीविका का साधन भी बंद हो गया। बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने वीआरएस ले लिया। 85 लोगों ने न तो वीआरएस लिया और न ही फिर से मिल चलने की उम्मीद छोड़ी। इनमें स्थाई और सामयिक कर्मचारियों के अलावा 15 ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने मिल के लिए अपनी जमीन इस मौखिक आश्वासन पर राज्य चीनी निगम को बेची थी कि उन्हे नौकरी भी मिलेगी।
मिल बंद होने के बाद अब अधिकांश लोग सेवानिवृत्ति की उम्र पार कर चुके हैं किंतु, अब भी आधा दर्जन मृतक आश्रित तथा जमीन दे चुके 15 परिवारों के लोग नौकरी की उम्मीद में हैं। तब थे इतने कर्मचारी कर्मचारियों के अनुसार चीनी मिल जब बंद हुई थी तब 34 स्थाई और 36 सीजनल कर्मचारी ऐसे थे जिन्होंने वीआरएस लेने से इंकार कर दिया था। राम प्रवेश शर्मा के नेतृत्व में इन लोगो ने कानूनी लड़ाई शुरू कर दी थी और इसी लड़ाई के दौरान ही रामप्रवेश तथा बहुत से अन्य लोगो की उम्र 60 वर्ष पार हो गई। मिल में आधा दर्जन स्थाई कर्मचारी आज भी नौकरी की उम्मीद में हैं।
चिंतामणि तिवारी का परिवार आज भी बंद चीनी मिल के कर्मचारी आवास में रहता है। इनकी सेवा निवृत्ति 2022 में है। अनिल कुमार श्रीवास्तव पुरानी चीनी मिल में लेखाकार थे। वह 2024 में सेवानिवृत्त होंगे। संजय कुमार मृतक आश्रित के रूप मे कुछ वर्ष ही नौकरी कर सके थे। इनकी अभी काफी उम्र नौकरी के लायक है। पुरानी मिल में स्थाई अनुचर रहे रामकिशुन की सेवानिवृत्ति की आयु में अभी चार साल शेष है। क्या इन्हें मिल गया है अधिकार ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि सरकार ने इस जैक कंपनी को मिल बनाने के साथ तीन साल चलाने का भी अधिकार दे दिया है। इससे नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों को उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं।
नौकरी में मिलेगी वरीयता मुंडेरवा चीनी मिल के सामान्य प्रबंधक आरपी ¨सह का कहना है कि उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम ने संविदा पर जो भी भर्ती की है उनमे वीआरएस लेने वालों तथा छंटनी किए गए लोगों को वरीयता दी थी ¨कतु किसी भी छंटनी किए गए कर्मचारी ने आवेदन ही नहीं किया। जीएम ने बताया कि आगे भी जो भर्तियां होंगी उनमे छंटनीशुदा कर्मचारियों से प्राप्त आवेदनों को वरीयता दी जाएगी।
बता दें कि पेराई सत्र 1998-99 में मुंडेरवा चीनी मिल हमेशा के लिए बंद हुई तो इसमे नौकरी कर रहे कर्मचारियों की आजीविका का साधन भी बंद हो गया। बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने वीआरएस ले लिया। 85 लोगों ने न तो वीआरएस लिया और न ही फिर से मिल चलने की उम्मीद छोड़ी। इनमें स्थाई और सामयिक कर्मचारियों के अलावा 15 ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने मिल के लिए अपनी जमीन इस मौखिक आश्वासन पर राज्य चीनी निगम को बेची थी कि उन्हे नौकरी भी मिलेगी।
मिल बंद होने के बाद अब अधिकांश लोग सेवानिवृत्ति की उम्र पार कर चुके हैं किंतु, अब भी आधा दर्जन मृतक आश्रित तथा जमीन दे चुके 15 परिवारों के लोग नौकरी की उम्मीद में हैं। तब थे इतने कर्मचारी कर्मचारियों के अनुसार चीनी मिल जब बंद हुई थी तब 34 स्थाई और 36 सीजनल कर्मचारी ऐसे थे जिन्होंने वीआरएस लेने से इंकार कर दिया था। राम प्रवेश शर्मा के नेतृत्व में इन लोगो ने कानूनी लड़ाई शुरू कर दी थी और इसी लड़ाई के दौरान ही रामप्रवेश तथा बहुत से अन्य लोगो की उम्र 60 वर्ष पार हो गई। मिल में आधा दर्जन स्थाई कर्मचारी आज भी नौकरी की उम्मीद में हैं।
चिंतामणि तिवारी का परिवार आज भी बंद चीनी मिल के कर्मचारी आवास में रहता है। इनकी सेवा निवृत्ति 2022 में है। अनिल कुमार श्रीवास्तव पुरानी चीनी मिल में लेखाकार थे। वह 2024 में सेवानिवृत्त होंगे। संजय कुमार मृतक आश्रित के रूप मे कुछ वर्ष ही नौकरी कर सके थे। इनकी अभी काफी उम्र नौकरी के लायक है। पुरानी मिल में स्थाई अनुचर रहे रामकिशुन की सेवानिवृत्ति की आयु में अभी चार साल शेष है। क्या इन्हें मिल गया है अधिकार ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि सरकार ने इस जैक कंपनी को मिल बनाने के साथ तीन साल चलाने का भी अधिकार दे दिया है। इससे नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों को उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं।
नौकरी में मिलेगी वरीयता मुंडेरवा चीनी मिल के सामान्य प्रबंधक आरपी ¨सह का कहना है कि उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम ने संविदा पर जो भी भर्ती की है उनमे वीआरएस लेने वालों तथा छंटनी किए गए लोगों को वरीयता दी थी ¨कतु किसी भी छंटनी किए गए कर्मचारी ने आवेदन ही नहीं किया। जीएम ने बताया कि आगे भी जो भर्तियां होंगी उनमे छंटनीशुदा कर्मचारियों से प्राप्त आवेदनों को वरीयता दी जाएगी।
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