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मनरेगा मजदूरों की फंसी दिहाड़ी, एक सप्ताह में भुगतान का दावा हवा-हवाई

शासन के निर्देश के अनुसार मनरेगा मजदूरों को समय से मजदूरी नहीं मिल पा रही है क्योंकि इसका बजट ही नहीं मिला है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 09:03 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 09:03 AM (IST)
मनरेगा मजदूरों की फंसी दिहाड़ी, एक सप्ताह में भुगतान का दावा हवा-हवाई

गोरखपुर, जेएनएन: सिद्धार्थनगर जनपद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का हाल मत पूछिए। काम करने के एक सप्ताह अंदर भुगतान का दावा हवा-हवाई है। हालात तो इस कदर खराब हो चुके हैं कि दो माह से जिले के मजदूरों का 36 करोड़ 57 लाख रुपये का भुगतान फंसा हुआ है। जबकि 2 करोड़ 17 लाख रुपये पाइप लाइन में है। अपनी दिहाड़ी पाने के लिए मजदूर ग्राम प्रधान, बैंक और ब्लाकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। बजट न आने से नए कार्य भी ठप हैं।

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यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, लेकिन बजट के फेर में मजदूर फंस गए हैं। सीडीओ पुलकित गर्ग और मनरेगा श्रम आयुक्त संजय श्रर्मा पिछले एक माह से भुगतान के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नतीजा सिफर है। भुगतान के लिए टकटकी लगाए मजदूरों के सब्र का बांध टूट रहा है। रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एक जाब कार्ड धारक को 182 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिलती है। दिसंबर से अब तक भुगतान नहीं मिला है। जबकि प्राइवेट काम पर मजदूरों की दिहाड़ी तीन से चार सौ रुपये मिल जाती है। भुगतान न होने से आगे के कार्यों में भी जिम्मेदार कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

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इन ब्लाकों में इतना बकाया (करोड़ में )

उस्का बाजार- 1,66 49731

नौगढ़- 2,8480746

शेाहरतगढ़- 1,756696

बढ़नी- 3,9375531

बांसी- 1,861776

बर्डपुर- 2,3457714

डुमरियागंज- 4,2182532

भनवापुर- 3,7849335

इटवा- 2,114308

जोगिया- 1,3984306

खेसरहा- 3,2263189

खुनियाव- 1,9279407

लोटन- 2,1335833

मिठवल- 3,3557602

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बोले, जाब कार्ड धारक

एक माह पहले मनरेगा योजना के तहत कार्य किया था। मजदूरी का अभी तक कोई पता नहीं है। प्रधान व बैंक का चक्कर लगाकर थक गए हैं। कब मिलेगा इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं है।

सनाउल्लाह, सेमरी बर्डपुर

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अब मनरेगा में काम करके इंतजार करना पड़ता है। पैसा कब आएगा कोई पता नहीं। 28 दिन काम करके पैसे का इंतजार कर रहे हैं। रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। कैसे परिवार चलेगा।

अलाउद्दीन, सेमरी बर्डपुर

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परिवार का भरण पोषण मजदूरी करके करती हूं। काम करने के बावजूद दो माह से मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है। प्रधान के पास जाने पर पता चलता है कि बजट आने के बाद पैसा मिल जाएगा। इससे अच्छा तो बाहर काम करना है। लेकिन महंगाई से बाहर भी तो काम नहीं है।

सुनीता, बर्डपुर नंबर एक

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हमें घर पर रोजगार देने की बात तो होती है, लेकिन मजदूरी कब मिलेगी कोई पता नहीं है। दो माह से परिवार की जीविका चलानी मुश्किल हो गई है। घर कैसे चलेगा, यही चिता खाए जा रही है।

उर्मिला, बर्डपुर

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मनरेगा योजना में दिसंबर से कोई बजट नहीं आया हैं। उच्चाधिकारियों के स्तर से भी प्रयास हो रहा है। एक सप्ताह के अंदर बजट आने की उम्मीद है। जैसे ही बजट आता है, भुगतान जाब कार्ड धारकों के खाते में चला जाएगा। देरी होने पर मजदूरों को ब्याज भी मिलेगा।

संजय शर्मा, श्रमायुक्त मनरेगा


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